छठी जेपीएससी रिजल्ट मामले में लगातार पांच घंटे चली सुनवाई, जानें झारखंड होईकोर्ट का क्या आया फैसला

छठी जेपीएससी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में लगातार 5 घंटे सुनवाई चली, जिसमें फैसले सुरक्षित को कर लिया गया. बता दें कि एकल पीठ ने सात जून 2021 को रिजल्ट और अनुशंसा को कर दिया था रद्द. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता बोले, विज्ञापन के अनुसार रिजल्ट की प्रक्रिया पूरी हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2021 9:07 AM

JPSC Result Case रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने छठी जेपीएससी परीक्षा मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली विभिन्न अपील याचिकाअों पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में लगभग पांच घंटे तक मामले की लगातार सुनवाई चली. सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पटना हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीके शाही, वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने पक्ष रखा. अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने बताया कि विज्ञापन की शर्तों व नियमावली के अनुसार, छठी जेपीएससी परीक्षा व रिजल्ट की प्रक्रिया पूरी हुई है.

पेपर-वन का मार्क्स जोड़ कर मुख्य परीक्षा का रिजल्ट निकालने की बात विज्ञापन में कही गयी थी. विज्ञापन के अनुसार ही जेपीएससी ने रिजल्ट तैयार कर अनुशंसा की थी. इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है. एकल पीठ का आदेश उचित नहीं है. उसे निरस्त करने का आग्रह किया गया. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि सरकार एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करेगी. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कहा कि आयोग, सरकार के स्टैंड के साथ हैं.

क्या था एकल पीठ का आदेश

हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने सात जून 2021 को छठी जेपीएससी का रिजल्ट और अनुशंसा को रद्द कर दिया था. साथ ही 326 अधिकारियों की नियुक्ति को भी अमान्य घोषित कर दिया था. जेपीएससी को आदेश की प्रति मिलने के आठ सप्ताह के अंदर फ्रेश रिजल्ट प्रकाशित करने और राज्य सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्देश दिया था. सरकार को कहा था कि जब अनुशंसा मिल जाये, तो चार सप्ताह के अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाये. एकल पीठ ने जेपीएससी के अधिकारियों के प्रति टिप्पणी की थी तथा राज्य सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.

Posted By : Sameer Oraon

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