6th JPSC : पेन और पेंसिल का आविष्कार किसने किया नहीं पता था, लेकिन नहीं लिया स्ट्रेस
पेन और पेंसिल का आविष्कार किसने किया नहीं पता था, लेकिन स्ट्रेस नहीं लिया- इंटरव्यू में रहें कूल, दें सकारात्मक जवाब – छठे जेपीएससी के टॉपरों ने बताया इंटरव्यू का नया नजरिया, स्टेट टॉपर अंकिता ने कहा फोटो जेपीएससी फोल्डर में छठी जेपीएससी का फाइनल रिजल्ट चार साल बाद जारी हुआ. इसमें सफल होने वाले […]
पेन और पेंसिल का आविष्कार किसने किया नहीं पता था, लेकिन स्ट्रेस नहीं लिया- इंटरव्यू में रहें कूल, दें सकारात्मक जवाब – छठे जेपीएससी के टॉपरों ने बताया इंटरव्यू का नया नजरिया, स्टेट टॉपर अंकिता ने कहा फोटो जेपीएससी फोल्डर में छठी जेपीएससी का फाइनल रिजल्ट चार साल बाद जारी हुआ. इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थी साल-दर-साल चलने वाली इस परीक्षा में सफल होने का श्रेय खुद के धैर्य को देते हैं. ओवरऑल टॉपर रही लालपुर की अंकिता राय और सुमन गुप्ता ने सफल होने का सबसे सामान्य तरीका बताया. दोनों टॉपर्स से अभिषेक रॉय ने बातचीत की.
उत्तर नहीं भी जानते हैं, तो कॉन्फिडेंस न खोयेंअंकिता ने बताया कि जब वह इंटरव्यू देने पहुंची ही थी, तब पैनल में बैठे पदाधिकारी ने पेंसिल का आविष्कार किसने किया था पूछा. जवाब नहीं पता था. मैंने ‘सॉरी सर, आइ डोन्ट नो दी आंसर’ कह दिया. इसके बाद कई सवाल जैसे पेन, स्कूटर, पेपर का आविष्कार किसने किया, पूछे गये. पर एक भी जवाब नहीं आता था. उत्तर न जानने के बावजूद मैंने स्ट्रेस नहीं लिया और कॉन्फिडेंस के साथ अगले प्रश्न की ओर बढ़ती रही. वहीं सुमन ने विषय के आधार पर मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए उत्तर दिये. इंटरव्यू से मिली सीखअंकिता ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान कई ऐसे सवाल भी थे, जिनके उत्तर के लिए गेस करना था.
गेस करने से पहले बकायदा मैंने उत्तर गेस करने की अनुमति मांगी. इस तरह किये गये रिक्वेस्ट से व्यक्ति अपने उत्तर को लेकर ओवर कॉन्फिडेंस है या नहीं का पता लगाया जाता है. यह सीख जीवन भर की सीख में शामिल हो गयी है. 20 मिनट तक चले इंटरव्यू के दौरान किसी भी पल स्ट्रेस को हावी नहीं होने दिया. वहीं सुमन ने बताया कि उनसे इंटरव्यू के दौरान 17 सवाल पूछे गये. और लगभग सभी प्रश्न झारखंड से जुड़े हुए बेसिक सवाल थे. ऐसे में अभ्यर्थी काे हमेशा बेसिक मजबूत रखने की जरूरत है कि सीख मिली. धैर्य के साथ सकारात्मक भाव सफलता की कुंजीजेपीएससी के साक्षात्कार में अंकिता चार मार्च को शामिल हुई थीं. उन्होंने बताया कि अपने इंटरव्यू की बारी के लिए आठ घंटे बिताये. लंबे समय तक बिना परेशान हुए अपने धैर्य को बनाये रखना भी काम आया.
इंटरव्यू के लिए उसी ताजगी और कॉन्फिडेंस के साथ गयी, जैसे मैं सेंटर पहुंची थी. सकारात्मक भाव से प्रश्नों का उत्तर देना ही शायद मेरी सफलता की कुंजी बनी. पर्सनल क्वेश्चन से कंफ्यूज न होंअंकिता ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान मुझसे पर्सनल सवाल भी पूछे गये. जैसे मैंने आइबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में चयन होने के बाद ही ज्वाइन क्यों नहीं किया? इस पर मैंने अपने उत्तर को दो हिस्से में बांट दिया. पर्सनल और प्रोफेशनल कारण को अलग रखा. कहीं भी अपने उत्तर को तोड़-मोड़ कर जवाब नहीं दिया. रीजन के साथ बनी रही. वहीं सुमन ने बताया कि महिलाओं के विभिन्न पद के संभाले जाने से जुड़े सवाल पूछे गये थे, जिसका जवाब उन्होंने सहज भाव से दिया.
इंटरव्यू के दौरान इन बातों का रखें ध्यानअंकिता और सुमन ने भविष्य में प्रशासनिक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए टिप्स साझा किये. उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी हमेशा अच्छी हाेनी चाहिए, जिससे इंटरव्यू का डर न हो. इंटरव्यू में जाने से पहले बातचीत के तौर तरीके और बॉडी लैंग्वेज पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. पैनल के समक्ष पहुंचने पर उनका अभिवादन करना, बैठने की अनुमति जरूरी है. पैनल में बैठे सभी पदाधिकारियों को उत्तर देते वक्त संबोधित करना जरूरी है. क्रॉस क्वेश्चन में न फंसें. हाथ और चेहरे के भाव सामान्य रखें. जाने से पहले थैंक्स अप्रोच होना जरूरी है.