रांची: झारखंड में अपनी जमीन पर विकास कार्य के लिए बिल्डर से एग्रीमेंट करने पर सरकार को शुल्क देना होगा. निबंधन विभाग ने राज्य में किये जाने वाले डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर शुल्क लेने का फैसला किया है.
अभी शुल्क की राशि तय नहीं की गयी है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक जमीन के कुल मूल्य का एक से दो फीसदी डेवलपमेंट एग्रीमेंट फीस के रूप में देय होगा. वर्तमान में बिल्डर और भू-स्वामी के बीच जमीन को विकसित करने के लिए किये जाने वाले करार (एग्रीमेंट) की जानकारी सरकार को देना जरूरी नहीं है. इस वजह से डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर राज्य सरकार को कोई शुल्क देय नहीं होता है. निबंधन विभाग द्वारा डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर शुल्क निर्धारित करने के बाद बिल्डर और जमीन मालिक के बीच किये जाने वाले करार की जानकारी राज्य सरकार को देनी अनिवार्य होगी.
एग्रीमेंट और डीड के शुल्क का भी होगा पुनरीक्षण
राज्य सरकार सभी तरह के एग्रीमेंट और डीड पर वसूले जाने वाले शुल्क का भी पुनरीक्षण करेगी. निबंधन विभाग लीज या बंदोबस्ती एग्रीमेंट, एडॉप्शन या टाइटल डीड जैसे कागजातों पर चुकाये जाने वाले शुल्क में वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. एफिडेविट (शपथ पत्र) के लिए दिये जाने वाले शुल्क में भी वृद्धि का प्रस्ताव बना जा रहा है. पिछले कई वर्षो से एग्रीमेंट और डीड पर वसूले जाने वाले शुल्क में वृद्धि नहीं की गयी है. एफिडेविट की फीस में भी परिवर्तन नहीं किया गया है. पड़ोसी राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क का अध्ययन कर निबंधन विभाग झारखंड में शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर राज्य सरकार को शुल्क मिलना चाहिए. बिहार समेत सभी पड़ोसी राज्यों में डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर राज्य सरकार को शुल्क देय होता है. विभाग डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर शुल्क लेने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इसके अलावा निबंधन के लिए दिये जाने वाले अन्य शुल्क का भी वर्षो से पुनरीक्षण नहीं हुआ है. संबंधित प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
सत्येंद्र सिंह, सचिव, निबंधन विभाग