रांची: हाइकोर्ट ने बुधवार को रिम्स के खिलाफ डीएनबी की डिग्री से संबंधित रिट याचिका को खारिज कर दिया है. रिम्स प्रबंधन की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह (पूर्व मुख्य सचिव) ने बहस की. उन्होंने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह की डिग्री को समतुल्य मानने संबंधी अधिसूचना निकालना रिम्स प्रबंधन का काम नहीं है.
जब नियुक्ति होगी, तो उस समय की स्थिति के अनुसार उक्त पद पर आवश्यकता मुताबिक योग्यता का निर्धारण रिम्स प्रबंधन करेगा. जब रिक्तियां होंगी, तब ऐसे मामलों पर विचार होगा. न्यायमूर्ति न्यायाधीश एस चंद्रशेखर ने मुख्य याचिका, अनुपूरक याचिका व आइए की सुनवाई एक साथ की. पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद के एटोनॉमी विभाग के डॉ आशुतोष ने रिम्स के खिलाफ याचिका दायर की थी.
इसमें कहा गया था कि डीएनबी की डिग्री को रिम्स प्रशासन अधिसूचना जारी करके एमएस/ एमडी/एमसीएच के समतुल्य माने. रिम्स प्रशासन द्वारा बहाली के लिए जो विज्ञापन निकाला गया है, उसे तत्काल रद्द किया जाये. यह भी कहा गया कि उन्होंने डीएनबी पढ़ने में जो प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उसे शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति के लिए मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षण के समान माना जाये. इस पर अनुपूरक याचिका व आइए आवेदन भी दिया गया था. इधर इस मामले मे रिम्स निदेशक डॉ तुलसी महतो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह न्यायालय का अच्छा फैसला है. इसका सम्मान सबको करना चाहिए.