झारखंड में खुलेगा निफ्ट

रांची : झारखंड में नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की शाखा खुलेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आग्रह पर केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने इसकी सहमति दे दी है. मुख्यमंत्री ने 22 दिसंबर 2015 को केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के राज्यमंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में आग्रह किया था कि केंद्र सरकार ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 1:01 AM
रांची : झारखंड में नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की शाखा खुलेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आग्रह पर केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने इसकी सहमति दे दी है. मुख्यमंत्री ने 22 दिसंबर 2015 को केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के राज्यमंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में आग्रह किया था कि केंद्र सरकार ने प्रत्येक राज्य में निफ्ट की स्थापना करने की नीति बनायी है. झारखंड भी इसके लिए इच्छुक है. झारखंड में अबतक निफ्ट जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की स्थापना नहीं हो सकी है.

झारखंड में तेजी से बढ़ते रांची, जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद जैसे शहर हैं, जहां आसानी से निफ्ट के लिए छात्र मिल जायेंगे. साथ ही रोजगार का सृजन भी होगा. मुख्यमंत्री ने रांची या अन्य किसी शहर में निफ्ट की स्थापना होने पर भूमि देने की प्रतिबद्धता जतायी है.

बताया गया कि केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के निर्देश पर निफ्ट के महानिदेशक सुधीर त्रिपाठी ने इसकी सहमति देते हुए निफ्ट की स्थापना के लिए नये कैंपस की जरूरतों के बाबत सारी जानकारी मुख्यमंत्री को भेज दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ने उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय को अवगत कराने का अनुरोध किया है.
20 से 30 एकड़ कैंपस होगा निफ्ट का : निफ्ट द्वारा भेजी गयी गाइडलाइन में पूरे कैंपस के लिए 25 से 30 एकड़ भूमि की जरूरत बतायी गयी है. इसमें एकेडमिक एरिया के लिए 13500 वर्ग मीटर, एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया के एक हजार वर्ग मीटर, रेसिडेंशियल एरिया के लिए 32500 वर्ग मीटर व अन्य सेवाओं के लिए 3000 वर्ग मीटर लगभग 50 हजार वर्ग मीटर जमीन की जरूरत बतायी गयी है. जो 20 से 30 एकड़ में पूरा होगा. वहीं कैंपस निर्माण में 150 से 200 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गयी है. प्रतिवर्ष 450 छात्रों का इसमें दाखिला होगा.
आरबीअाइ-डीवीसी के कार्यालय नहीं खुले
निफ्ट के लिए 20 से 30 एकड़ जमीन चाहिए. इसी तरह कई ऐसे संस्थान हैं, जो जमीन के कारण अब तक नहीं खुल सके हैं. ट्रिपल आइआइटी, आइआइएम, डीवीसी, आरबीअाइ जैसे संस्थानों को जमीन की जरूरत है.
डीवीसी को कार्यालय खोलने के लिए पांच एकड़ जमीन चाहिए. वर्ष 2007में ही इसकी मांग की गयी थी. डीवीसी कार्यालय खुलने पर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
आरबीआइ को स्थानीय कार्यालय के लिए चार एकड़ जमीन की जरूरतहै. आरबीअाइ कार्यालय खोलने पर भी स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे.
हालांकि सरकार ने ग्रेटर रांची डेवलपमेंट अथॉरिटी को कुल 88.01 एकड़ भूमि हस्तांतरित कर दी है. इसमें आइआइएम, ट्रिपल आइटी, डीवीसी, आरबीआइ को भूमि उपलब्ध कराया जाना है.
अन्य योजनाओं में भी जरूरत है
टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन के लिए 220.04 एकड़ भूमि की जरूरत है.
देवघर हवाई अड्डा के लिए 291.98 एकड़ भूमि की मांग की गयी है.
उद्योगों को भी चाहिए 66,861 एकड़ जमीन
राज्य में अलग-अलग उद्योगों की स्थापना के लिए भी 66 हजार एकड़ जमीन की जरूरत है. ये उद्योग वर्ष 2008 से लेकर 2010 के बीच ही सरकार से जमीन की मांग करते रहे हैं. अब तक इन्हें जमीन उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है. भूमि न मिलने की वजह से ही टाटा स्टील, आर्सेलर मित्तल, हिंडाल्को, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल, एस्सार पावर, टाटा पावर जैसी बड़ी कंपनियों की परियोजनाएं लंबित हैं. इनकी भूमि के लिए संचिका संबंधित जिलों के उपायुक्त, राजस्व विभाग या वन विभाग के पास झूलती रहती है. यदि ये सारे उद्योग लग जाये, तो झारखंड में लगभग दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे.
इन उद्योगों को भी भूमि चाहिए
कंपनी भूमि (एकड़) स्थान
अडाणी ग्रुप 6500 साहेबगंज और धनबाद
आधुनिक ग्रुप 1584 कांड्रा
एएमएल स्टील एंड पावर लि. 2000 सिन्नी
टाटा स्टील(ग्रीन फील्ड) 4143 मनोहरपुर
जिंदल स्टील एंड पावर लि 3100 पतरातू
जिंदल स्टील एंड पावर लि 3000 आसनबनी
जेएसडब्ल्यू स्टील लि 6539 सोनाहातू
आर्सेलर मित्तल 11335 पेटरवार
भूषण पावर एंड स्टील 3450 पोटका
एस्सार स्टील 2458 प. सिंहभूम
मुकुंद स्टील 1800 बरलंगा
एस्सेल माइनिंग 500 चकुलिया
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज 5000 सोनाहातू
अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर 300 बेगनाडीह
कॉरपोरेट इस्पात एलॉय 1100 खरसावां
वीएस डेंपो 32 मनोहरपुर
रुंगटा माइंस 3000 गेसुति
मोनेट इस्पात एंड एनर्जी 1300 चास
बर्नपुर सीमेंट लि 75 पतरातू
पावर प्लांट
सीइएससी लि 2000 काठीकुंड
इलेक्ट्रो स्टील थर्मल पावर लि 1100 लातेहार
एस्सार पावर लि 1500 चंदवा
गगन स्पंज आयरन लि 2000 साहेबगंज
टाटा पावर लिमिटेड 4272 सरायकेला-खरसावां
जेएसपीएल 1230 गोड्डा
डालमिया पावर 225.20 देवघर

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