रांची: हाइकोर्ट में गुरुवार को एकल पीठ के आदेश पर रोक रहने के बावजूद बरखास्त 19 अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा पुनर्बहाल करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में मामला सूचीबद्ध था.
प्रार्थी बुद्धदेव उरांव ने अवमानना याचिका दायर की है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि हाइकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दायर अपील याचिका लंबित है. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने आठ नवंबर 2011 को सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान एकल पीठ द्वारा आठ जुलाई 2011 को पारित आदेश पर रोक लगा दी थी. वह रोक अब भी बरकरार है.
इसके बावजूद सरकार ने बरखास्त अधिकारियों को पुनर्बहाल कर दिया. इसके लिए कैबिनेट की सहमति ली गयी, जबकि यह मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है. एकल पीठ के आदेश पर रोक लगी हुई है.
श्री कुमार ने बताया कि जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेपीएससी की 12 परीक्षाओं व वित्तीय अनियमितता मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को सौंपी थी. साथ ही कोर्ट ने जेपीएससी-टू के चयनित व एक नि:शक्त अधिकारी को छोड़ कर शेष कार्यरत अधिकारियों के काम करने पर रोक लगाने का आदेश (पारा-62 में) दिया था. इसमें कहा गया था कि ये अधिकारी न तो काम करेंगे और न ही उन्हें वेतन का भुगतान किया जायेगा. आदेश से प्रभावित अधिकारी सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गये. कोर्ट ने हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश के पारा-62 में स्टे कर दिया है.