शिक्षा के अधिकार पर हुई जन सुनवाई
रांची. शिक्षा के अधिकार के तहत सोमवार को होटल काव्स के सभागार में एक दिवसीय जन सुनवाई हुई. कार्यक्रम का आयोजन गैर सरकारी संस्था सिन्नी व स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त सहयोग से किया गया था. इस दौरान कहा गया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत दी जा रही […]
रांची. शिक्षा के अधिकार के तहत सोमवार को होटल काव्स के सभागार में एक दिवसीय जन सुनवाई हुई. कार्यक्रम का आयोजन गैर सरकारी संस्था सिन्नी व स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त सहयोग से किया गया था. इस दौरान कहा गया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत दी जा रही सेवाअों का सामाजिक अंकेक्षण कराया गया था. सुविधाअों का मूल्यांकन अंकेक्षण दल ने किया था. इसमें कई कमियां भी पायी गयी थीं.
सुनवाई के दाैरान नामांकन विवरणी, बच्चों की सुविधाएं, मध्याह्न भोजन योजना, विद्यालय प्रबंध समिति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शारीरिक दंड व शिकायत निराकरण के मुद्दे पर विचार रखे गये. विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद यादव ने कहा कि अंकेक्षण में कई कमियां रह गयी थीं. सामाजिक अंकेक्षण प्रपत्र उपलब्ध नहीं हो पाया था. इस कारण सामाजिक अंकेक्षण नहीं हो पाया था. राजकीय मध्य विद्यालय खीराखांड के जीतू खड़िया ने बताया कि कक्षा की छत से पानी का रिसाव होता है. स्कूल रोड के समीप है, लेकिन चहारदीवारी नहीं है, इस कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है.
परियोजना समन्वयक प्रेरणा भारती ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चे वंचित हो रहे हैं. संस्था के सहायक निदेशक रंजन कांति पांडा ने कहा कि शिक्षा विभाग के कई वरीय अधिकारी जन सुनवाई में नहीं आ सके. सिन्नी द्वारा दस्तावेजीकरण कर इसे सरकार के समक्ष रखा जायेगा, ताकि अगले सामाजिक अंकेक्षण के समय इन मुद्दों पर खास ध्यान दिया जा सके तथा बेहतर परिणाम आ सके. वरीय कार्यक्रम पदाधिकारी मदनलाल महतो, फैज अहमद, विश्वनाथ दास गुप्ता, विजय शंकर दुबे, साकेत मिश्रा, अमित मिश्रा, रितिका क्षेत्री ने कार्यक्रम में सहयोग किया.