कार्रवाई: राज्य पुलिस की टीम ने वर्ष 2015 में चलाये कई बड़े अभियान, 458 नक्सली हुए गिरफ्तार

रांची: 2015 में पुलिस ने 458 नक्सलियों को गिरफ्तार किया. इसमें 35 संगठन में एरिया कमांडर या इससे ऊपर के रैंक के थे. जिन बड़े नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य शिव प्रताप सिंह उर्फ रीतलाल सिंह उर्फ रोहितजी उर्फ पवन, रीजनल कमेटी सदस्य जयराम उर्फ अरूण यादव उर्फ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 1:10 AM
रांची: 2015 में पुलिस ने 458 नक्सलियों को गिरफ्तार किया. इसमें 35 संगठन में एरिया कमांडर या इससे ऊपर के रैंक के थे. जिन बड़े नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य शिव प्रताप सिंह उर्फ रीतलाल सिंह उर्फ रोहितजी उर्फ पवन, रीजनल कमेटी सदस्य जयराम उर्फ अरूण यादव उर्फ नागेंद्र सिंह उर्फ मोछू, जोनल कमेटी सदस्य वशीर दा उर्फ कुंवर यादव उर्फ राजकुमार यादव उर्फ बुढ़वा, जूना मरांडी उर्फ बीरबल दा, प्रसाद लकड़ा, बेचन सिंह उर्फ आजाद सिंह उर्फ ताला जी उर्फ वीरेंद्र सिंह, सबजोनल कमांडर छोटू सिंह खरवार, योगेंद्र यादव, राजेश कुमार चंद्रवंशी, अशोक यादव उर्फ मोहित यादव, अर्जुन राम उर्फ अर्जुन नायक, अमृत होरो उर्फ मेछो उर्फ सूर्या, वरूण कुमार यादव, दिलबर नायक उर्फ दिलधर नायक, रामलाल मांझी उर्फ अलबर्ट उर्फ विनोद मांझी, चंदेश्वर यादव उर्फ नगीना, प्रदीप यादव, रोशनजी उर्फ संतोष कुमार साव, महेश यादव उर्फ बनारसी जी उर्फ रघुवंश जी, मंटू यादव, कैलाश यादव, कामेश्वर यादव उर्फ कमलेश्वर यादव, लालू सिंह उर्फ निरंजन जी, गजेंद्र साव उर्फ गज्जू साव, एरिया कमांडर दिलबर सिंह, लालमन यादव, राजकुमार सिंह, सोहराय मुंडा, रेजुस एक्का, वीरेंद्र बैठा, निर्भय उर्फ अक्षय, निजाम अंसारी, शनि मुंडा उर्फ सुंदर उर्फ सुदर्शन उर्फ सुरीन, लालू यादव व कुलदीप मेहता शामिल है.
विस्फोटक की कमी
पुलिस को अभियान के कारण भाकपा माओवादी संगठन में हथियार और विस्फोटक की कमी हो गयी है. नक्सलियों के पास जो भी अच्छे हथियार हैं, उनमें सबसे अधिक पुलिस से लूटे गये हैं. पिछले तीन साल में पुलिस ने ऐसे 65 हथियार बरामद कर लिये हैं, जो पुलिस से लूटे गये थे. नक्सलियों के पास नियमित व देसी हथियार की भी कमी हो गयी है, क्योंकि पुलिस ने तीन सालों में 42 रेगुलर और 768 देसी हथियार बरामद किये हैं. तीन सालों में पुलिस ने नक्सलियों से 13399 गोलियां बरामद की हैं.
जो बड़े नक्सली मारे गये
24 नवंबर 2011 : पश्चिम बंगाल में पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशन जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये
2015 : चाईबासा में नक्सली जॉनसन को ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला
2015 : गया के बाराचट्टी में नक्सली सरिता पुलिस मुठभेड़ में ढेर
18 अगस्त 2015 : खूंटी में एरिया कमांडर चंदन पुलिस मुठभेड़ में ढेर
नहीं मिल रहे नये कैडर
भाकपा माओवादी संगठन को समर्पित नये सदस्य (कैडर) नहीं मिल रहे हैं. यही कारण है कि नक्सली गुमला और लोहरदगा के ग्रामीणों से बच्चों की मांग करते हैं. बच्चा नहीं देने पर ग्रामीणों के साथ मारपीट की जाती है़ पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी एसएन प्रधान कहते हैं : पहली बात तो यह कि संगठन को नये सदस्य मिल नहीं रहे हैं. जो युवक संगठन से जुड़ रहे हैं, वे अपने हिसाब से काम करना चाहते हैं. उनका संगठन से जुड़ने का मुख्य उद्देश्य भी सिद्धांत नहीं है. वे पैसे कमाने के लिए संगठन से जुड़ रहे हैं. इन कारणों से संगठन के बड़े नेता भी परेशान हैं.
जो बड़े नक्सली गिरफ्तार हुए
2007 : जमशेदपुर से पोलित ब्यूरो सदस्य आशुतोष
11 मई 2008 : धनबाद से पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा
24 अगस्त 2009 : रांची रेलवे स्टेशन से पोलित ब्यूरो सदस्य अमिताभ बागची
20 सितंबर 2009 : दिल्ली से पोलित ब्यूरो सदस्य कोबाद गांधी
2010 : रांची के वर्धमान कंपाउंड से सेंट्रल कमेटी सदस्य उदय श्रीवास्तव
25 जुलाई 2015 : गुमला से जोनल कमांडर प्रसाद लकड़ा
2015 : स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य शिव प्रताप सिंह उर्फ रोहित
2015 : रीजनल कमेटी सदस्य जयराम उर्फ अरूण यादव

Next Article

Exit mobile version