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नियम: पहले वर्ष 2006 में बनी थी नीति, मेडिकल कॉलेज नीति में संशोधन
रांची: स्वास्थ्य विभाग ने निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए वर्ष 2006 में प्रोत्साहन नीति बनायी थी. पर गत नौ वर्षों में निजी क्षेत्र में एक भी कॉलेज नहीं खुला. अब विभाग ने उक्त नीति के संकल्प को अौर प्रभावी बनाने के लिए संशोधित किया है. राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज […]
रांची: स्वास्थ्य विभाग ने निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए वर्ष 2006 में प्रोत्साहन नीति बनायी थी. पर गत नौ वर्षों में निजी क्षेत्र में एक भी कॉलेज नहीं खुला. अब विभाग ने उक्त नीति के संकल्प को अौर प्रभावी बनाने के लिए संशोधित किया है. राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज (सभी सरकारी) हैं. इनमें सीटों की कुल संख्या 350 है, जिससे राज्य में चिकित्सकों की जरूरत पूरी नहीं होती. निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में कई संशोधन किये गये हैं.
ये संशोधन किये गये हैं
वित्तीय अनुदान 50 सीट के कॉलेज को 20 करोड़ (दो किस्तों में), 100 सीट पर 25 करोड़ (तीन किस्तों में) तथा 150 सीटों के लिए 30 करोड़ (चार किस्तों में) मिलेगा.
अावश्यकतानुसार अनुदान की 50 फीसदी राशि का उपयोग इस प्रोजेक्ट के लोन के लिए मार्जिन मनी के रूप में किया जा सकेगा.
जरूरत हो, तो मुख्य पथ से कॉलेज स्थल तक अधिकतम पांच किमी तक संपर्क पथ का निर्माण तथा पांच किमी तक स्वतंत्र फीडर की स्थापना सरकार की अोर से की जायेगी.
भूमि निबंधन हेतु निबंधन शुल्क पर व्यय की पूर्ति सरकार करेगी़
सरकार से जमीन लेने पर इसकी सरकारी कीमत के बराबर अनुदान से कटौती होगी़
Àअनुदान की राशि मिलने के तीन वर्ष के अंदर यदि शैक्षणिक सत्र शुरू नही हुआ, तो अनुदान राशि की वसूली होगी तथा मेडिकल कॉलेज की चल-अचल संपत्ति पर पहला अधिकार राज्य सरकार का होगा.
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