राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा, खोजने पर भी नहीं मिलते उपभोक्ताओं के हितैषी
रांची: राज्य में उपभोक्ता आंदोलन उतना मजबूत नहीं हो पाया है, जितना कि होना चाहिए था. राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष उपभोक्ता जागरूकता तथा संरक्षण के क्षेत्र में काम करनेवाले व्यक्तियों तथा संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किया जाता है. पर हमारे राज्य में ऐसी संस्थाएं या व्यक्ति ढूंढ़ने व विज्ञापन देने पर भी नहीं मिलते. यही […]
लगता है या तो विभाग उपभोक्ता क्षेत्र में कार्यरत लोगों व संस्थाओं तक नहीं पहुंच पाता या इस क्षेत्र में लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं की रुचि कम है. यह बात खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कही. वह विभाग की अोर से श्रीकृष्ण लोक प्रशासनिक प्रशक्षिण संस्थान में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला का विषय उपभोक्ता विवाद निबटारे संबंधी संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण था.
मंत्री ने कहा उन्होंने विभाग से जिला उपभोक्ता फोरम में लंबित वादों की जानकारी मांगी है. कई राज्यों में उपभोक्ता मामलों का अलग से एक विभाग है. झारखंड में भी उपभोक्ता मामलों का निदेशालय बनना चाहिए, जो सिर्फ उपभोक्ता संरक्षण के मामलों को देखे. राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आरके मेरठिया ने राज्य तथा जिला उपभोक्ता फोरम में कार्यबल तथा आधारभूत सुविधाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाया.
उन्होंने एक रजिस्ट्रार की नियुक्ति की आवश्यकता पर भी बल दिया. इस पर मंत्री श्री राय ने कहा कि सरकार इन बातों पर विचार कर रही है तथा अगले बजट में इन बातों का ध्यान रखा जायेगा. श्री मेरठिया ने कहा कि जिला फोरम के अध्यक्ष उपभोक्ताओं के दोस्त और गाइड बनकर काम करें. मामलों के निष्पादन में विलंब होने से जनता का भरोसा इन संस्थाओं से उठ जाता है. इससे पहले खाद्य आपूर्ति सचिव विनय कुमार चौबे ने भी अपनी बातें कही. इस अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों एवं सचिवों के अतिरक्ति खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक वाइके चौबे, विशेष सचिव बसंत कुमार दास, रविरंजन समेत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.