सरकारी राशि हड़प हुए फरार, खोज रही पुलिस

रांची: राज्य में सरकारी सेवकों द्वारा सरकार की राशि हड़प कर फरार होने के कई मामले सामने आ रहे हैं. सरकार की राशि हड़प अफसर फरार हो जा रहे हैं. सरकारी प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग उन पर कार्रवाई तो कर रही है. इसके तहत वे निलंबित भी हो रहे हैं, पर पुलिसिया कार्रवाई के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2016 6:44 AM
रांची: राज्य में सरकारी सेवकों द्वारा सरकार की राशि हड़प कर फरार होने के कई मामले सामने आ रहे हैं. सरकार की राशि हड़प अफसर फरार हो जा रहे हैं. सरकारी प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग उन पर कार्रवाई तो कर रही है. इसके तहत वे निलंबित भी हो रहे हैं, पर पुलिसिया कार्रवाई के मामले में वे बचते फिर रहे हैं. यानी प्राथमिकी के बाद भी वे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
91 लाख लेकर अब भी फरार हैं एफअो
रांची विवि के पूर्व वित्त पदाधिकारी (फाइनांस ऑफिसर) डॉ एसके प्रसाद एक जून 2010 से फरार हैं. इन पर एक करोड़ 31 लाख 98 हजार रुपये के गबन के आरोप हैं. इस बाबत स्थानीय कोतवाली थाने में उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. डॉ प्रसाद विवि से निलंबित कर दिये गये हैं, लेकिन अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. राजभवन व सरकार ने इनकी गिरफ्तारी के लिए कई कदम उठाये, लेकिन वे नहीं मिले. घर की कुर्की भी हुई. वहीं बैंक की ओर से नीलामी की प्रक्रिया भी हुई. बेटे को भी गिरफ्तार किया गया, लेकिन डॉ प्रसाद अब तक सामने नहीं आये. उनके लगभग 40 लाख रुपये भी वापस किये गये. विवि व पुलिस प्रशासन की ओर से डॉ प्रसाद के सभी बैंक अकाउंट भी सीज कर दिये हैं. डॉ प्रसाद की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में एक दारोगा को भी निलंबित किया गया था.
लातेहार के जेइ पर 98 लाख के गबन का आरोप
वहीं लातेहार के सदर प्रखंड के तरवाडीह पंचायत स्थित बिनगाड़ा गांव में बिरसा आवास भवन का काम करानेवाले कनीय अभियंता गुप्तेश्वर राम पर 98 लाख रुपये के गबन का आरोप है. वहां पर 10-10 लाख रुपये की लागत से 10 यूनिट आवास का निर्माण कराना था. यह काम 2005-06 में ही मेसो परियोजना के तहत होना था, पर काम नहीं किया गया. कई बार संबंधित अफसरों ने लिखा, फिर भी उन्होंने काम नहीं कराया. अंतत: दो अगस्त 2014 को उनके खिलाफ लातेहार सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इसके बाद से वह फरार हैं. पुलिस की पकड़ में नहीं आये हैं.

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