खाद्य सुरक्षा अधिनियम बना मजाक
रांचीः डोरंडा के रसिक लाल स्वीट्स से खाद्य निरीक्षक (फूड इंस्पेक्टर) ने खोया का सैंपल इकट्ठा किया था. जांच के बाद इस सैंपल को सब स्टैंडर्ड पाया गया. खाद्य निरीक्षक ने एसीएमओ के जरिये इससे संबंधित मामला उपायुक्त की अदालत में दर्ज कराया था. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने पखवाड़े भर पहले खाद्य […]
रांचीः डोरंडा के रसिक लाल स्वीट्स से खाद्य निरीक्षक (फूड इंस्पेक्टर) ने खोया का सैंपल इकट्ठा किया था. जांच के बाद इस सैंपल को सब स्टैंडर्ड पाया गया. खाद्य निरीक्षक ने एसीएमओ के जरिये इससे संबंधित मामला उपायुक्त की अदालत में दर्ज कराया था. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने पखवाड़े भर पहले खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत रसिक लाल स्वीट्स पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था.
आदेश था कि दुकान का लाइसेंस जुर्माना राशि जमा करने तक रद्द रहेगा. इधर, बगैर अनुमति के रसिक लाल ने दुकान खोल ली है. रसिक लाल के प्रोपराइटर ने उपायुक्त के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, पर बगैर अदालत के आदेश के उसने दुकान खोल ली है.
बगैर अदालत के आदेश के दुकान नहीं खोली जा सकती. दुकान खोलने से रोकने का काम पुलिस का है. यह सच है कि कानून की ऐसी अवहेलना से खाद्य निरीक्षकों सहित हमारे पूरे महकमे का मनोबल गिरता है.
डॉ टीपी वर्णवाल, राज्य खाद्य नियंत्रक