31 लावारिस शवों को मिली मुक्ति

रांची: मुक्ति संस्था द्वारा रविवार को 31 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इन शवाें में चार लावारिस महिलाओं का भी शव था. बूटी मोड़ स्थित जुमार नदी में शवों को एकत्र किया गया और विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया. संस्था के 15 सदस्य सुबह से ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2016 1:51 AM
रांची: मुक्ति संस्था द्वारा रविवार को 31 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इन शवाें में चार लावारिस महिलाओं का भी शव था. बूटी मोड़ स्थित जुमार नदी में शवों को एकत्र किया गया और विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया. संस्था के 15 सदस्य सुबह से ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए जमा हो गये थे.
इससे पहले रिम्स के शीतगृह में सुबह नौ बजे शवों को निकालने का कार्य शुरू हुआ. संस्था के कुछ सदस्य रिम्स में शवों को ट्रैक्टर में रखने में सहयोग कर रहे थे. वहीं दूसरी टीम जुमार नदी में शवों को सजाने, लकड़ी रखने का कार्य कर रहे थे. शवों के अंतिम संस्कार के लिए मुर्दा कल्याण समिति के खालिद के साथ दो लोग हजारीबाग से आये थे. निगम द्वारा आठ ट्रैक्टर लकड़ी व किरोसिन तेल दिया गया.
अंतिम संस्कार कार्य में प्रवीण लोहिया, संजय गुप्ता, विकास विजय, अतुल गेरा, अमित अग्रवाल, सुदर्शन अग्रवाल, प्रदीप खन्ना, अशोक गेरा, कमल चौधरी, रंजीत राजपाल, सौरभ बथवाल, परमजीत सिंह टिंकू, अविनाश मिश्रा, रोहित सिन्हा, दीपक लोहिया, कवंलजीत मिढा, गौरव गिरधर, राकेश कुमार, राम बांगड, राहुल जायसवाल, हरीश नागपाल, नवजोत, संजय, उज्जवल जैन, नवीन अग्रवाल, अमरजीत गिरधर व आशीष भाटिया ने सहयोग किया.
अब तक 220 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है संस्था
मुक्ति संस्था द्वारा अब तक 220 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. संस्था के प्रवीण लोहिया ने बताया कि मुक्ति संस्था का उद्देश्य लावारिस शवों को मुक्ति दिलाना है. लावारिश शव शीतगृह में ज्यादा दिन तक रहने से खराब हो जाते हैं. इसके लिए राजधानी के प्रबुद्ध लोगों के सहयोग से संस्था का निर्माण किया गया, जिससे लोग जुड़ते चले गये.

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