कैसे बहेगा चारों ओर का पानी छोटे मुहाने से?
मनोज लाल रांची : रातू रोड हनुमान मंदिर, कांके रोड एलीपीएन शाहदेव चौक, नागा बाबा खटाल व अपर बाजार के कुछ इलाके की नाली (नॉर्थ मार्केट रोड) को छोटे मुहाने वाली नाली से जोड़ा गया है. इसका मुहाना पतला व जाम भी है. यह व्यवस्था की गयी है कि इसी नाली से होकर जेजे रोड […]
मनोज लाल
रांची : रातू रोड हनुमान मंदिर, कांके रोड एलीपीएन शाहदेव चौक, नागा बाबा खटाल व अपर बाजार के कुछ इलाके की नाली (नॉर्थ मार्केट रोड) को छोटे मुहाने वाली नाली से जोड़ा गया है. इसका मुहाना पतला व जाम भी है. यह व्यवस्था की गयी है कि इसी नाली से होकर जेजे रोड होते हुए सारा पानी बड़ा तालाब में जाकर गिरेगा. पर इस नाली की दुर्दशा आगे जाकर देखते बनती है.
जहां-तहां नाली जर्जर हो गयी है और जाम भी. ऐसे में चारों छोर की पानी इससे कैसे बहेगी? सड़क का पानी जायेगा कहां? नाली तो बना दी गयी, पर सड़क का पानी उसमें जाने का प्रावधान ही नहीं है. रातू रोड सहित अन्य सड़कों पर लोगों ने नाली के बराबर दोनों अोर से मिट्टी भर दी है. ऐसे मे सड़क का पानी उसमें जायेगा ही नहीं. वहीं लोगों के घरों व गलियों के नालियों का मुहाना तक ठीक से नहीं जोड़ा गया है.
एक ही बरसात में खुल जायेगा पोल
लोग कहते हैं कि शहर मे नाली की सच्चाई का सारा पोल एक ही बरसात में खुल जायेगा. पहले तो नैचुरल बहाव के कारण बरसात का पानी सड़क से बह जाता था, लेकिन नाली के नाम पर अब उसे भी घेर दिया गया है. नतीजन सड़क पर जल जमाव होगा. वहीं लोगों के दुकानों/मकानों में भी पानी घुसेगा.
तीन तरह की इंजीनियरिंग
शहर में नाली निर्माण के नाम पर तीन तरह की इंजीनियरिंग काम कर रही है. एक तो सड़क से एक फीट से भी ऊंचा करके नाली बनायी जा रही है. सीधे ऊपर से ढलाई की जा रही है. दूसरा कांके रोड में नाली बनायी गयी. सड़क का पानी नाली में जाने की व्यवस्था की गयी. ऊपर ढलाई की जगह स्लैब डाला गया, ताकि हर स्लैब सफाई के लिए हट सके. तीसरा दीनदयाल नगर में बिल्कुल सड़क के लेबल पर नाली बनायी गयी है.
प्लाजा रोड : जहां-तहां अधूरा पड़ा है काम, हो रहे हादसे
इस मार्ग पर अलबर्ट एक्का चौक से लालपुर की अोर नाली का निर्माण साल भर पहले किया जा रहा था, लेकिन जहां-तहां अधूरा काम छूटा हुआ है. पानी का बहाव कैसे और किधर होगा, यह भी तय नहीं किया गया है. बस ऐसे ही नाली बना दी गयी है. प्लाजा चौक तक कुछ काम हुआ, उसके बाद काम ही नहीं हुआ है. लालपुर चौक के पहले के कलवर्ट में पुरानी नाली जुड़ी हुई है.
पुरानी नाली पर स्लैब डाल बना दिया नया : सिद्धो-कान्हो पार्क के पास पुरानी नाली को नयी नाली का लुक दिया गया है. पुरानी नाली के ऊपर नया स्लैब लगा दिया गया है. इसे आगे ले जाकर कांके रोड से जोड़ा गया है, लेकिन बीच में नाली का लेबल काफी कम है, जिससे इसका पानी अोवर फ्लो होकर सड़क पर बहेगा.
हरमू रोड : नाली का पानी कहां जायेगा, पता नहीं
इस सड़क पर रातू रोड चौक से गाड़ीखाना तक नाली ही नहीं है. गौशाला की अोर से कुछ दूर तक थोड़ी नाली बनायी गयी है. उस पर टाइल्स लगाया गया है. पर आगे से नाली का जुड़ाव ही नहीं है.
पहाड़ी मंदिर की अोर से सारा पानी आकर इस मार्ग की कच्ची नाली पर आ रहा है. यहां नाली नहीं, जलजमाव हो गया है. गाड़ीखाना व सहजानंद चौक दोनों अोर से नाली का रास्ता हरमू नदी की अोर किया गया है, पर जहां-तहां नाली अपूर्ण है. काम छोड़ दिया गया है. सहजानंद चौक से हरमू चौक तक आधी-अधूरी नाली बनी है. केवल टाइल्स लगा कर नाली का स्वरूप देकर छोड़ दिया गया है.
पांच माह में भी नहीं बन सकी रातू रोड चौराहे तक की नाली
बिड़ला बोर्डिंग से रातू रोड चौराहे तक पांच महीनों से नाली बन रही है, पर अधूरा है. यही हाल पिस्का मोड़ से बिड़ला बोर्डिंग तक का भी है. लोगों के घरों/दुकानों को नाली से घेर दिया गया है.
इस सड़क पर नाली का बहाव कहां होगा, यह तय नहीं है. नाली को ढालू तक नहीं बनाया गया है. आड़े-तिरछे, न अोर-न छोर, जैसे-तैसे इटकी रोड में भी नाली बनायी जा रही है. अाकाशवाणी, मीनाक्षी सिनेमा गली, कब्रिस्तान, लाहकोठी के आगे, मधुकम गली, देवी मंडप गली, पिस्का मोड़ सहित कई जगहों पर अभी तक नाली नहीं बनी है.
फंस गयी नाली की योजना : इधर, मोरहाबादी राम मंदिर से लेकर टैगोर हिल तक नाली योजना को ड्राॅप करना पड़ा. इस मार्ग पर जमीन नहीं मिलने की वजह से नाली निर्माण की योजना आधे में ही छोड़ना पड़ा. यहां नाली की जरूरत थी.