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मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ में टूटा परिवार
रांची : विनय महतो की हत्या का राज खोलने में रांची पुलिस, सीआइडी और एफएसएल की टीम ने लगातार पांच दिनों तक मेहनत की. इसके बाद नौ फरवरी की देर रात महिला शिक्षिका व उसके परिवार वाले टूट गये. पुलिस ने यह कदम तब उठाया, जब सात फरवरी को पुलिस ने महिला शिक्षिका के घर […]
रांची : विनय महतो की हत्या का राज खोलने में रांची पुलिस, सीआइडी और एफएसएल की टीम ने लगातार पांच दिनों तक मेहनत की. इसके बाद नौ फरवरी की देर रात महिला शिक्षिका व उसके परिवार वाले टूट गये. पुलिस ने यह कदम तब उठाया, जब सात फरवरी को पुलिस ने महिला शिक्षिका के घर से जो ब्लड का सैंपल एकत्र किया था, उसकी रिपोर्ट पुलिस को मिल गयी. यह रिपोर्ट आने में करीब 48 घंटे का वक्त लगता है. रिपोर्ट आने के बाद यह तथ्य स्पष्ट हो गया कि जो खून का नमूना महिला शिक्षिका के घर के परदे, दीवार व अन्य जगहों से लिया गया था, वह विनय महतो का ही था. इसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया.
फिर एक साथ सभी से पूछताछ की जाने लगी. लेकिन सभी हत्या की बात से इनकार करते रहे. जब पुलिस ने सभी को अलग-अलग करके मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करनी शुरू की और साक्ष्य दिखाया जाने लगा, तब सबसे पहले आरिफ गुमसुम हो गया. उधर, उसकी पत्नी महिला शिक्षिका भी समझ चुकी थी कि अब बचना मुश्किल है. तब दोनों के बेटे को बुलाया गया. आरिफ के कहने पर उसने पूरी कहानी पुलिस को बता दी.
इस मामले को सुलझाने में रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी किशोर कौशल, हटिया एएसपी प्रशांत आनंद, सीआइडी के डीएसपी केके रॉय, धुर्वा थाना के इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह, तुपुदाना थाना के इंस्पेक्टर, सीआइडी के इंस्पेक्टर अनिमेष गुप्ता, फोटोग्राफर चतुर्वेदी, एफएसएल के हृदयेश कुमार सिंह आदि ने कठिन मेहनत की.
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