बिना निदेशक के चल रहा है उच्च शिक्षा निदेशालय

सहायक के आठ में से चार पद रिक्त, मात्र दो प्रशाखा पदाधिकारी निदेशालय का कामकाज हो रहा है प्रभावित रांची : उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में उच्च शिक्षा निदेशालय इन दिनों सहायक भरोसे है़ निदेशालय में निदेशक नहीं है़ चार में से तीन उप निदेशक का पद रिक्त है़ निदेशक व उपनिदेशक के नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2016 7:51 AM
सहायक के आठ में से चार पद रिक्त, मात्र दो प्रशाखा पदाधिकारी
निदेशालय का कामकाज हो रहा है प्रभावित
रांची : उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में उच्च शिक्षा निदेशालय इन दिनों सहायक भरोसे है़ निदेशालय में निदेशक नहीं है़ चार में से तीन उप निदेशक का पद रिक्त है़ निदेशक व उपनिदेशक के नहीं होने से विभाग का काम लगभग ठप हो गया है़ देशालय निदेशक, उप निदेशक से लेकर सहायक तक के पद रिक्त है़ं गत वर्ष विभागों के पुनर्गठन के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय को मानव संसाधन विकास विभाग से अलग कर दिया गया था़ उच्च शिक्षा निदेशालय को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में मिला दिया गया़ दोनों को मिलाकर नया विभाग उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग बनाया गया़
नये विभाग के गठन के बाद से ही उच्च शिक्षा निदेशालय का कामकाज प्रभावित होने लगा़ उच्च शिक्षा निदेशालय जब मानव संसाधन विकास विभाग के अधीन कार्य करता था, ताे निदेशालय में कुल चार उप निदेशक होते थे़ सभी उप निदेशक शिक्षा सेवा के होते थे़ उच्च शिक्षा निदेशालय के अलग होने के बाद वे स्थानांतरण में शिक्षा विभाग ने अपने तीन पदाधिकारी वापस ले लिया़
इसके बाद से निदेशालय में मात्र एक उप निदेशक स्तर के पदाधिकारी है़ उप निदशक के अलावा, सहायक, सेक्शन ऑफिसर, अंडर सेक्रेटरी के पद भी रिक्त है़ 11 फरवरी को उच्च शिक्षा निदेशक ने भी इस्तीफा दे दिया़ निदेशालय में आठ में से मात्र चार सहायक कार्यरत है़ चार में से मात्र दो प्रशाखा पदाधिकारी है़
मुख्य सचिव को लिखा पत्र
निदेशालय में पदाधिकारियों की कमी के संबंध में विभागीय सचिव की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है, जिसमें निदेशालय में उप निदेशक नहीं होने से कामकाज में परेशानी होने की बात कही गयी है़ उच्च शिक्षा निदेशालय को मानव संसाधन विभाग से अलग तो कर दिया गया, पर इसमें उप निदेशक पद के पदाधिकारी शिक्षा सेवा से ही रखा गया़
काम नहीं होने से छोड़ा पद
उच्च शिक्षा निदेशक का कार्यकाल भी गत वर्ष मार्च में ही पूरा हो गया था़ सरकार की ओर से उन्हें अगले आदेश तक पद पर बने रहने को कहा गया था़ निदेशालय में पदाधिकारी व कर्मचारियों की कमी के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा था़ शिक्षक संघ व छात्र संघ लगातार निदेशालय में काम नहीं होने का आरोप लगा रहे थ़े इस कारण उन्होंने पद छोड़ दिया़
मंत्री को अब मिला कार्यालय
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में मंत्री के लिए कार्यालय तक नहीं था़ छह माह बाद विभागीय मंत्री के कार्यालय के लिए कमरा आवंटित किया गया है़ मंत्री का कार्यालय नहीं होने से भी विभागीय कामकाज में परेशानी हो रही थी़

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