झाविमो ने किया प्रदर्शन, बोले बाबूलाल मरांडी सरकार के संरक्षण में कराये जा रहे दंगे

रांची : झारखंड में आतंकवाद के नाम पर निर्दोष अल्पसंख्यकों को फंसाये जाने व उनको बेवजह प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए झाविमो अल्पसंख्यक मोरचा ने मंगलवार को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया. इसके बाद राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिल कर उन्हें मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. जेवीएम के नेताओं ने मांग की कि अल्पसंख्यकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 1:08 AM
रांची : झारखंड में आतंकवाद के नाम पर निर्दोष अल्पसंख्यकों को फंसाये जाने व उनको बेवजह प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए झाविमो अल्पसंख्यक मोरचा ने मंगलवार को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया. इसके बाद राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिल कर उन्हें मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा.
जेवीएम के नेताओं ने मांग की कि अल्पसंख्यकों को झूठे मामलों में फंसा कर प्रताड़ित करने की एसआइटी से जांच करायी जाये. हजारीबाग, रांची, जमशेदपुर, चतरा आदि शहरों के दंगों की भी जांच हो. साथ ही गिरिडीह में निर्दोष कार्यकर्ता रुस्तम अंसारी की हत्या, डाॅ इंतेजार अली की गिरफ्तारी, देवघर में धार्मिक स्थल को उच्च न्यायालय के रोक के बावजूद ध्वस्त करने आदि मामलों की एसआइटी जांच करायी जाये. प्रदर्शन में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, हाजी उमर भाई, जलील अंसारी, डाॅ सबा अहमद, केके पोद्दार, अजीज मुबारकी, सुनील साहू, फिरोज खान, जुनैद आलम, मोईन अंसारी, खालिद खलील, मुन्ना मल्लिक, डाॅ आश्रिता कुजूर सहित कई ने विचार रखे.
भय व आतंक में जी रहे हैं अल्पसंख्यक
झाविमो अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड ही नहीं, पूरे देश के अल्पसंख्यक भय व आतंक के माहौल में जी रहे हैं. गुजरे एक वर्ष में राज्य में हुए सभी दंगे सरकार के संरक्षण में कराये गये हैं. निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. डाॅ इंतेजार अली का प्रकरण जगजाहिर है. हजारीबाग व रांची के दंगे में आइपीएस तदाशा मिश्र व अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट में दंगों के लिए पुलिस कार्रवाई को असंतोषजनक करार दिया गया था, पर सरकार ने रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की. श्री मरांडी ने कहा कि दोषी को सजा जरूर मिलनी चाहिए, परंतु निर्दोष को प्रताड़ित करना मानवाधिकार का उल्लंघन है.

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