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कुपोषण से मुक्ति के लिए मिल कर काम करना होगा : सीएम

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि कुपोषण को लेकर चिंता वाजिब है़ यह सही है कि कुपोषण के मामले में झारखंड का देश में दूसरा स्थान है़ सत्ता संभालते ही सरकार ने इसे दूर करने की प्राथमिकता तय की़ राज्य में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का फैसला लिया गया है़ […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि कुपोषण को लेकर चिंता वाजिब है़ यह सही है कि कुपोषण के मामले में झारखंड का देश में दूसरा स्थान है़ सत्ता संभालते ही सरकार ने इसे दूर करने की प्राथमिकता तय की़ राज्य में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का फैसला लिया गया है़ आने वाले बजट में भी इसको लेकर उपाय किये गये है़ं चार वर्ष में कुपोषण से कैसे मुक्ति मिले इसकी कोशिश कर रहे हैं. कुपोषण से मुक्ति के लिए सब को मिल कर काम करना होगा़.

मुख्यमंत्री कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत द्वारा झारखंड में कुपोषण से बच्चों की मौत से संबंधित पूछे गये एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से पक्ष रख रहे थे़ विभागीय मंत्री लुइस मरांडी के जवाब से पक्ष-विपक्ष संतुष्ट नहीं थे. सुखदेव भगत का कहना था कि विभाग की ओर से दिये गये डाटा तथा इंटरनेट में उपलब्ध डाटा में अंतर है़ सरकार की ओर से भ्रामक जवाब मिल रहा है़ पक्ष-विपक्ष के विधायकों का कहना था कि कुपोषण से होनेवाली मौत की संख्या सरकार बताये़ ऐसा कोई डाटा सरकार के पास है या नही़.

झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी व सत्ता पक्ष के राधाकृष्ण किशोर ने मंत्री से पूरक सवाल किये़ श्री किशोर का कहना था कि राज्य के आंगनबाड़ी केंद्र विफल रहे है़ राज्य में छह लाख 87 हजार बच्चे कुपोषित बताये गये है़ं वहीं 41 हजार कम वजन के बच्चे की संख्या बतायी गयी है़ ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों की उपयोगित पर सवाल उठ रहे है़ं विभागीय मंत्री लुइस मरांडी का कहना था कि आंकड़ा में अंतर है, तो जांच करनी होगी़ हमने अपने विभाग का डाटा बताया है़ मंत्री ने कहा कि सरकार कुपोषण को लेकर गंभीर है़ अप्रैल महीने में वजन पखवाड़ा चला था़ यूनिसेफ के माध्यम से बच्चों के कुपोषण पर काम किया गया है़ बच्चों की कितनी मौत हुई, इसका आंकड़ा नहीं है़.

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