चटक-मटक नहीं, गांव गरीब का बजट : सीएम

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सरकार का बजट चटक-मटक नहीं दिखेगा़ इसमें लोक लुभावन नारे और वादे नहीं है़ं यह बजट आम जनता का, गांव-गरीब का और किसानों का बजट है़ संतुलित बजट है़ कृषि, ग्रामीण विकास और 21वीं सदी को ज्ञान की सदी बनाने के लिए आइटी, डिजिटल इंडिया और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 1:04 AM
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सरकार का बजट चटक-मटक नहीं दिखेगा़ इसमें लोक लुभावन नारे और वादे नहीं है़ं यह बजट आम जनता का, गांव-गरीब का और किसानों का बजट है़ संतुलित बजट है़ कृषि, ग्रामीण विकास और 21वीं सदी को ज्ञान की सदी बनाने के लिए आइटी, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप पर फोकस करने वाला बजट है़ राज्य का संपूर्ण विकास करना है, तो आधी आबादी को नहीं छोड़ा जा सकता है़ इस बजट में महिला सशक्तीकरण पर जोर देते हुए जेंडर बजट अलग से बनाया गया है़ मुख्यमंत्री श्री दास सदन में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे़ इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय भी मौजूद थे़.
कृषि क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ रुपये अधिक का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में एक हजार करोड़ रुपये अधिक का प्रावधान किया है. महिला सशक्तीकरण के लिए बजट का 43 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है़ उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 का बजट राज्य को नयी दिशा देनेवाला है़ विधायकों को एक करोड़ रुपये की निधि मिलेगी़ इसे सिंचाई पर खर्च करना है़ गांव का पानी गांव में ही रोकना है़ पानी को बरबाद नहीं होने देंगे़ श्री दास ने कहा कि योजना बनाओ अभियान का लाभ मिला है़ प्रमंडलीय स्तर पर संवाद स्थापित कर ग्रामीणों से, किसानों से, छात्रों-युवाओं से, पत्रकारों से और बुद्धिजीवियों से राय ली गयी है़ लोगों की जरूरत और उनके सुझाव को बजट में डाला गया है़ यह आम जनता, गरीब, किसान का बजट होगा़ मुख्यमंत्री ने कहा कि कई नयी योजनाओं की शुरुआत की गयी है़. गांव के गरीब किसान आर्थिक अभाव में देश-प्रदेश के पर्यटन, धार्मिक स्थलों को नहीं देख पाते थे़ एक कसक रह जाती थी़ बजट में ऐसे गरीब लोगोें को भारत दर्शन-राज्य दर्शन के लिए अनुदान दिये गये है़ं एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास में जो गिरावट आयी है, वह देशव्यापी मंदी का कारण है़ स्टील क्षेत्र में मंदी रही, उसका असर रहा है़ प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री बधाई के पात्र है़ं चीन के बढ़ते दखल को कम करने के लिए इम्पोर्ट टैक्स लगाया है़ इससे देशी कंपनियों को संरक्षण मिलेगा़ मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना मद की राशि खर्च नहीं होती है़ सरकार का प्रयास है कि विकास की राशि समय पर खर्च हो़ संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचिव राजीव गौबा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार मौजूद थे़
जितनी चादर थी, उतना ही पैर फैलाया : सरयू राय
संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कहा कि हमारे पास जितनी चादर थी, उतना ही पैर फैलाया है़ राजकोषीय घाटा कम करने का प्रयास किया है़ वित्तीय प्रबंधन कुशल होगा तो राजकोषीय घाटा और भी कम होगा़ सरकार ने राजस्व बढ़ाने का प्रयास किया है़ हम अपनी क्षमता बढ़ाना चाहते है़ं संसदीय कार्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि योजना मद में सरकार ने पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा खर्च किये है़ं हमारी कोशिश रही है कि विकास का पैसा समय पर खर्च हो़ मार्च आते-आते यह राशि और बढ़ेगी़ केंद्रीय सहायता कम हुई है़ ऐसे में सरकार अपने संसाधन को बढ़ाने का प्रयास कर रही है़.
पैसे खर्च करने की गतिशीलता रही : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि विकास योजनाओं में खर्च की लगातार मॉनिटरिंग होती रही है़ पिछले कुछ वर्षों की तुलना में हमने बेहतर खर्च किये है़ं पैसे खर्च करने में गतिशीलता रही है़ वर्ष 2011-12 में 64 प्रतिशत, 2012-13 में 56 प्रतिशत, 2013-14 में 53 प्रतिशत राशि खर्च हुई थी. उसकी तुलना में अब तक 60 प्रतिशत राशि खर्च की जा चुकी है़ मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने कई नयी घोषणाएं की है़ कृषि क्षेत्र में नयी घोषणा है़ कृषि क्षेत्र में सिंगल विंडो सिस्टम लाया जा रहा है़
पुिलस की छवि सुधारने पर जोर
रांची: आमलोगों की सुरक्षा और आमलोगों के बीच पुलिस की छवि सुधारने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है. घोषणा में जिन योजनाओं को शामिल किया गया है, वह पहले से चल रहा है. कहा गया है कि 16 जिलों के 71 थानों को स्मार्ट थाना बनाया जायेगा. केंद्र प्रायोजित यह योजना पहले से चल रही है. इसके तहत शहरी क्षेत्रों के 44 थानों का निर्माण कराने की प्रक्रिया चल रही है. हर थाने के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये की राशि दी गयी है. इसमें स्वागत कक्ष, महिला और पुरूष के लिए अलग-अलग हाजत, विश्राम कक्ष समेत अन्य सुविधाएं होंगी. इसके साथ ही स्मार्ट थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे. इससे वहां होनेवाली हरेक गतिविध को देखा जा सकेगा और रिकॉर्ड में भी रखा जा सकेगा. पुिलस अफसरों का मानना है कि इस व्यवस्था से पुिलस का आम लोगों के प्रति व्यवहार में बदलाव आयेगा. सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर नजर रखने व रांची शहर को सेफ सिटी बनाने के लिए शहर भर में सीसीटीवी लगाने की योजना भी पहले की है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में इसका टेंडर भी हो चुका है. इसी तरह राज्य भर के लिए एकीकृत डायल-100 योजना लागू करने की बात कही गयी है. इस योजना का क्रियान्वयन अब अंतिम चरण में है. सरकार विधि-व्यवस्था के लिए 313 पीसीआर वाहन की तैनाती करेगी. वाहनों को खरीदने की प्रक्रिया भी चल रही है. सरकार ने पुलिस विभाग में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने और सिपाही रैंक में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर लेने की भी घोषणा की है.
राज्य के 900 टोलों को सड़क से जोड़ने का रखा गया लक्ष्य
रांची: ग्रामीण कार्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 900 टोलों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत 2000 किमी लंबी सड़क बनायी जायेगी. इसमें 200 किमी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सड़क बनाने का लक्ष्य है. वहीं 1800 किमी अन्य ग्रामीण पथों की योजनाएं ली जानी है. वहीं 250 से अधिक की आबादीवाले 700 टोले व 500 से अधिक आबादीवाले 200 टोलों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा 125 लंबे पुल बनाने की भी घोषणा की गयी है. विभाग के लिए इस बार 2300 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. वर्ष 2016-17 में ग्रामीण सड़कों की 450 योजनाएं ली जायेगी. साथ ही 100 पुल बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 2016-17 में मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 81 पुलों का निर्माण होगा. यानी 181 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जो सुदूर गांवों में बनेंगे. नदियों व नालों की वजह से लोगों के आवागमन में परेशानी न हो, इस पर खास ध्यान रखा गया है. वहीं पीएमजीएसवाइ से 4500 किमी नयी सड़क बनाने का प्रस्ताव है. इससे 2266 टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष में 1240 किमी सड़क का निर्माण कर 800 टोलों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, इसके विरुद्ध दिसंबर तक 805 किमी निर्माण करा कर 587 टोलों को जोड़ दिया गया. ग्रामीण इलाकों में पुलों का निर्माण करा कर वहां के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया गया है. नदियों के प्रवाह की वजह से बरसात में आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है. ऐसे स्थानों को चिह्नित किया गया है. अब 2016-17 में इन ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक पुलों का निर्माण करा कर लोगों को इससे िनजात दिलाया जायेगा.
होगी खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना
रांची: उद्योग विभाग के 2016-17 के बजट में मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन झारखंड पर जोर दिया गया है. सरकार ने खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना की बात कही है, ताकि स्थानीय लोगों को राज्य के अंदर ही रोजगार के अवसर मिल सके. सरकार चाहती है कि प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम लाभ मिल सके. राज्य के अंदर ही रोजगार मिले और पलायन को रोका जा सके. सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है. यहां सिंगल साइन अॉन की सुिवधा दी गयी. इसके तहत एक ही आवेदन में सभी विभागों से क्लीयरेंस की सुविधा मिल जायेगी. नयी औद्योगिक पूंजी निवेश प्रोत्साहन नीति भी एक अप्रैल 2016 से लागू हो जायेगी. उद्योग-व्यापार प्रारंभ करने में कम-से-कम समय लगे इस पर सरकार कार्रवाई करेगी. सरकारी स्तर पर दिये जाने क्लीयरेंस की अवधि से कम-से-कम किया जायेगा. इसके लिए तौर-तरीके बनाने की बात कही है. कई विभागों में सरकार ने उद्योगों के आवेदन पर समय सीमा का निर्धारण कर दिया है . वहीं कुछ और विभाग हैं जिनके लिए 2016-17 में भी समय सीमा का निर्धारण किया जायेगा. सरकार ने उद्योग लगाने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन व अन्य सुविधाओं को अगले वर्ष और प्रभावी व पारदर्शी बनाने की बात कही है. कारखानों के लाइसेंस को पांच वर्ष से बढ़ा कर 10 वर्ष किया जायेगा. स्टार्ट अप इंडिया को राज्य में प्रभावी तरीके से चलाने के लिए राज्य के महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जायेगी, ताकि उद्यमियों को उद्यम प्रारंभ करने में त्वरित सहायता दी जा सके.
मेरी राय
अमृतांशु प्रसाद
इडी, आधुनिक ग्रुप
1000 किलाेमीटर सड़क, 25 महत्वपूर्ण पुल बनाने का लक्ष्य
रांची: राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में पथ कॉरिडोर व पुल पर खास ध्यान दिया है. इसके तहत पिछले वित्तीय वर्ष से 800 करोड़ अधिक का बजट तैयार किया गया है. इस बार 4000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान है. इस राशि से जिलों के महत्वपूर्ण सड़कों की कनेक्टिविटी की जायेगी. करीब 1000 किमी सड़क व 25 महत्वपूर्ण पुल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं सड़क के घनत्व को भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसे बढ़ा कर 130 किमी/1000 वर्ग किमी करने की घोषणा की गयी है. वहीं दामोदर नदी, सोन, तिलैया, अजय नदी, कोयल नदी व गुंगानाला आदि पर वृहत पुल बनाने की घोषणा की गयी है. राज्य सरकार 1160 किमी राष्ट्रीय उच्च पथों का भी डीपीआर तैयार करा रही है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से साहेबगंज गंगा नदी पर फोर लेन पुल बनाने का लक्ष्य रखा है. वहीं पांच महत्वपूर्ण कॉरिडोर के लिए सरकार ने अपने प्रयास से केंद्र को योजना समर्पित किया है. इसके तहत 128 किमी लंबी सड़क बनेगी. सरकार का लक्ष्य है कि इस वित्तीय वर्ष में झारखंड का 2600 किमी एनएच 5200 किमी में तब्दील हो जाये. इसके साथ ही अंतरराज्यीय पर्यटन व औद्योगिक महत्व वाली सड़कों को विकसित करने का फैसला लिया गया है. इससे राज्य का सर्वांगिण विकास होगा. घोषणा में एनएच 75. एनएच 23 और एनएच 343 को भी विकसित करने का बजट में जिक्र है. यह बताया गया है कि एनएच-75 को दो फेजों में रांची से बिजूपाड़ा और फिर बिजूपाड़ा से कुड़ू तक फोर लेन किया जायेगा. एनएच-23 को रांची से पलमा तक फोरलेन करना है.
ग्रामीण इलाकों में 364 सड़कों पर शुरू होगी विशेष बस सेवा
रांची: ग्रामीण इलाकों में परिवहन शुरू करने की दिशा में सरकार ने तीन कदम उठाने की घोषणा की है. शहरी क्षेत्र में एसी बस सेवा और ग्रामीण इलाकों में 364 सड़कों पर ग्रामीण बस सेवा शुरू की जायेगी़ ग्रामीण इलाकों की जिन सड़कों पर ग्रामीण बस सेवा शुरू की जायेगी, उनका चयन कर लिया गया है. उक्त रूटों पर परिवहन सुविधा को आसान बनाने के लिए बस मालिकों से आवेदन मांगा गया है. आवेदन प्राप्त होने के बाद सरकार परमिट जारी करेगी. हालांकि इस योजना का लाभ ग्रामीणों को तभी मिल पायेगा जब ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा का माहौल बनेगा. बस मालिकों को आश्वस्त करना होगा कि उनसे कोई लेवी और रंगदारी की मांग नहीं करेगा. इसके साथ ही सभी 364 सड़कों पर जगह-जगह बस स्टॉप बनाने होंगे. जिलों में सरकारी बस स्टैंड में सुधार लाना भी एक चुनौती होगी. सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में राज्य के हर जिले के नन स्टॉप वातानुकूलित (एसी) बस सेवा शुरू करने की योजना तैयार की है. अभी रांची से जमशेदपुर, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद व पलामू के लि रांची से नन स्टॉप एसी बस सेवा उपलब्ध है. बस मालिकों के मुताबिक एसी बस चलाने के िलए उन्हें सरकार से मदद की जरूरत होगी. बिहार की तर्ज पर अनुदान देना होगा. महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति व पिछड़ा वर्ग की दो हजार महिलाओं को तीन पहिया व चार पहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिलायेगी. प्रशिक्षित महिलाओं को बैंक ऋण के माध्यम से सरकार वाहन खरीद कर भी देगी. इससे एक ओर जहां महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर वह स्वावलंबी भी बनेंगी.

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