बंगाल में विधायकों का वेतन झारखंड के एमएलए के निजी सहायकों के बराबर

रांची: झारखंड के विधायक दूसरे राज्यों के विधायकों से तीन से चार गुना अधिक वेतन पाते हैं. पश्चिम बंगाल के विधायकों की तुलना में चार गुना से ज्यादा पा रहे हैं. बंगाल के विधायकों का वेतन झारखंड के विधायकों के निजी सहायक के वेतन के बराबर है. हाल में किये गये संशोधन के बाद झारखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2016 7:10 AM
रांची: झारखंड के विधायक दूसरे राज्यों के विधायकों से तीन से चार गुना अधिक वेतन पाते हैं. पश्चिम बंगाल के विधायकों की तुलना में चार गुना से ज्यादा पा रहे हैं. बंगाल के विधायकों का वेतन झारखंड के विधायकों के निजी सहायक के वेतन के बराबर है. हाल में किये गये संशोधन के बाद झारखंड में विधायकों के निजी सहायकों का वेतन 26 हजार रुपये तय किया गया है़ वहीं पश्चिम बंगाल के विधायकों को 27 हजार मिलता है.

झारखंड के विधायकों को टीए-डीए छोड़ कर हर माह 1,21,000 रुपये वेतन मिलना तय है. सवारी भत्ते के नाम पर प्रतिदिन हजार रुपये के हिसाब से माह में 30 हजार रुपये मिलते हैं. दूसरे राज्यों में यह राशि 10 से 15 हजार तक ही है. झारखंड के विधायकों को क्षेत्रीय भत्ता और सत्कार भत्ता के रूप में 40 हजार रुपये मिलते हैं. दूसरे राज्यों में इन दो अलग-अलग मद में पैसे नहीं मिलते हैं. इसके अतिरिक्त झारखंड में विधायकों को प्रभार भत्ता भी मिलता है.

राज्य के अंदर 1500 और बाहर दो हजार रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है़ औसतन विधानसभा की कार्यवाही व कमेटियों की बैठक में शामिल होने के लिए मिलनेवाले भत्ते जोड़ दिये जायें, तो करीब 1.50 लाख तक झारखंड के विधायक वेतन पाते हैं. बिहार, छत्तीसगढ़ व ओड़िशा के भी विधायकों का वेतन यहां की तुलना में 50 से 60 हजार कम है. छत्तीसगढ़ के विधायकों को वेतन और अन्य भत्ते के रूप में करीब 65 हजार रुपये मिलते हैं. ओड़िशा में विधायकों को हर महीने 47 हजार रुपये मिलते हैं.

झारखंड के विधायकों को हर महीना मिलता है (रु में)
वेतन 30000
क्षेत्रीय भत्ता 20000
कार्यालय भत्ता 10000
सत्कार भत्ता 20000
सवारी भत्ता 30000 (एक हजार रुपया प्रतिदिन के हिसाब)
चिकित्सा भत्ता 5000
समाचार पत्र 1000
अन्य भत्ता 5000
इसके अतिरिक्त विधानसभा के सत्र और कमेटियों की बैठक या फिर राज्य से बाहर जाने के लिए टीए-डीए मिलता है. औसतन यह हर विधायक को 20 से 30 हजार मिल जाता है.
सुविधा
रेल कूपन – 3 लाख रुपये
प्रभार भत्ता – राज्य के अंदर 1500 रुपये, 2 हजार राज्य के बाहर
मोबाइल-दूरभाष – एक लाख रुपये साल भर
उपस्कर : एक लाख रुपये एक बार रुपये मिलेगा, पांच हजार रुपये उसके रख-रखाव के लिए प्रति वर्ष
समाचार पत्र-पत्रिका- 1 हजार रुपये प्रतिमाह
कंप्यूटर-लैपटॉप – 70 हजार रुपये एकबार मिलेंगे.
निजी सहायक – 26 हजार रुपये प्रतिमाह
चपरासी -15 हजार रुपये प्रतिमाह
(1.1.2015 की बढ़ोतरी के बाद )

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