फरजी डीड बना हड़पे 21 करोड़, सचिव ने दिया आदेश-एफआइआर करो, फिर भी दबी फाइल

रांची : धनबाद में रिंग रोड के निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन का मुआवजा देनेे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है़ छह लोगों ने फरजी डीड तैयार कर 21 करोड़ 82 लाख से अधिक की मुआवजा राशि हड़प ली है़ इन लोगों ने करीब 135 डिसमिल जमीन का फरजी डीड तैयार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2016 1:41 AM
रांची : धनबाद में रिंग रोड के निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन का मुआवजा देनेे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है़ छह लोगों ने फरजी डीड तैयार कर 21 करोड़ 82 लाख से अधिक की मुआवजा राशि हड़प ली है़ इन लोगों ने करीब 135 डिसमिल जमीन का फरजी डीड तैयार कराया था़ बोकारो की जमीन को भी धनबाद में दिखा दिया़ इस गड़बड़ी में अंचल कार्यालय से भू-अर्जन पदाधिकारी तक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है़.
अब तक प्राथमिकी नहीं : मामले का खुलासा होने के बाद भू-राजस्व सचिव केके सोन ने दोषी पदाधिकारी, कर्मी और संलिप्त लोगों पर एफआइआर दर्ज करने का निर्देश 29 अक्तूबर को उपायुक्त को दिया था़ पर सूचना के मुताबिक इस मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी़ मामला फिलहाल धनबाद के भू-अर्जन पदाधिकारी के पास फंसा है़ उपायुक्त ने जांच कर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है़

फरजी डीड से किसने कितना मुआवजा उठाया
नाम राशि (रु में)
बप्पी राय चौधरी(पिता हरधन चौधरी) 46,87,547
मंटू महतो (पिता गोविंद महतो) 1,09,69,203
नरसिंह दास (पिता दशरथ दास) 6,32,13,585
विश्वनाथ शर्मा(पिता यमुना शर्मा) 8,18,05,817
भोला सिंह (पिता सहाय सिंह) 18,14,400
तुलिया देवी 5,57,82,692
जमीन खरीदी 1970 में दाखिल-खारिज 41 वर्ष बाद
फरजी डीड में जमीन की खरीद-बिक्री 1970 की दिखायी गयी है़ वहीं दाखिल-खारिज 41 वर्ष बाद दिखाया गया है़ अंचलाधिकारियों ने कानून को ताक पर रख कर दाखिल-खारिज किया़ जमीन मालिकों ने दाखिल-खारिज कराने में इतनी देर क्यों की या फिर जमीन का भौतिक सत्यापन क्यों नहीं हुआ़, ऐसे मामले की छानबीन नहीं की गयी़
बोकारो की जमीन का म्यूटेशन धनबाद में
डीड संख्या 25560 (खाता नं 121, प्लॉट नं 1630) पर नरसिंह दास ने छह करोड़ से ज्यादा का मुआवजा लिया़ मुआवजे के लिए नरसिंह दास ने 1970 का डीड दिखाया था़ पर इस डीड संख्या पर बोकारो के बरमसिया में झालबरदा टोला के चरण महताे के नाम पर जमीन का मालिकाना दर्ज है़ यह जमीन बोकारो जिले में थी़ 1970 में बोकारो व धनबाद एक जिला थे़ ऐसे में एक जिले में एक ही नंबर से दो डीड जारी नहीं किया जा सकता है़

Next Article

Exit mobile version