पशुपालन विभाग पर आज भी घोटाले की छाया

रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि पशुपालन विभाग पर आज भी घोटाले की छाया है. इस कारण अधिकारी खुल कर काम नहीं कर पा रहे हैं. अधिकारियों को इससे उबरने की जरूरत है. डॉ कुलकर्णी ने शनिवार को होटल रेडिशन ब्लू में पशुपालन विभाग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 1:35 AM
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि पशुपालन विभाग पर आज भी घोटाले की छाया है. इस कारण अधिकारी खुल कर काम नहीं कर पा रहे हैं. अधिकारियों को इससे उबरने की जरूरत है. डॉ कुलकर्णी ने शनिवार को होटल रेडिशन ब्लू में पशुपालन विभाग की ओर से डिजीज प्रिवेंशन विषय पर आयोजित कार्यशाला का उदघाटन किया़
उन्होंने कहा कि विभाग में जल्द ही पशु चििकत्सकों की बहाली होनेवाली है. आनेवाले नये लड़कों को ऐसा लगना चाहिए कि यहां काम करने का स्कोप है. इसके लिए पुराने अधिकारियों को अपना रवैया बदलना होगा.
अपने अंदर प्रोफेशनल लक्षण विकसित करना होगा. पशु चिकत्सिकों को भी समय-समय पर तकनीकी रूप से समृद्ध होना होगा.
पशुपालन विभाग अभी भी दिशाहीन : पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ रजनीकांत तिर्की ने कहा कि डेयरी और मत्स्य विभाग ने अपनी दिशा तो पकड़ ली है, लेकिन पशुपालन विभाग अभी भी दिशाहीन है़ विभाग के चििकत्सकों में उत्साह की कमी है. हमारा लक्ष्य पशुधन (लाइव स्टॉक) और उसके प्रोडक्ट को बढ़ाना है. अभी हम मांस और अंडा के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे चल रहे हैं. देश में ऑल इंडिया प्रति व्यक्ति अंडे की उपलब्धता 63 है.
राज्य में यह 15 अंडा प्रति व्यक्ति है. वहीं हमारे पड़ोसी राज्य ओड़िशा में 55 अंडा है. मांस की उपलब्धता पूरे देश में 15 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन है. हमारे राज्य में यह 3.97 ग्राम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. 2020 तक हमें राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंचना है.
इसी को लक्ष्य मान कर काम करने की जरूरत है. तकनीकी सत्र में आइवीआरआइ बरेली के डॉ रवींद्र प्रसाद व तापस गोस्वामी ने भी अपने विचार रखे. इस मौके पर मौके पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभय प्रसाद सिंह, डॉ अपर्णा पांडेय,डॉ राधेश्याम कुंवर, डॉ विवेक सहाय, डॉ योगेंद्र, डॉ विभा, डॉ शैलेंद्र सिंह, डॉ कल्पना, डॉ बसंत, डॉ शैलेंद्र तिवारी आदि मौजूद थे.

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