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जेपीएससी मामले पर हाईकोर्ट का नियुक्ति पर रोक से इनकार

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने पांचवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा परिणाम को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. साथ ही जेपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत नहीं दिया. चीफ जस्टिस […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने पांचवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा परिणाम को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. साथ ही जेपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत नहीं दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि वह यह बताये कि जेपीएससी परीक्षा का परिणाम जनहित का मुद्दा कैसे है. खंडपीठ ने यह भी कहा कि अभ्यर्थी चाहे, तो व्यक्तिगत रिट दाखिल कर सकते है, उन्हें रोका कौन है. कई अभ्यर्थियों ने अलग से रिट याचिका दायर भी की है. कोर्ट उसकी सुनवाई कर रहा है.
मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व याचिकाकर्ता पीके सिद्धार्थ ने मामले में स्वयं पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि जेपीएससी ने ओएमआर शीट में गड़बड़ी दिखाते हुए तकनीकी आधार पर 618 अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया. एक ही कोचिंग संस्थान से दर्जनों उम्मीदवार चयनित कर लिये गये. जेपीएससी में पहले भी काफी गड़बड़ियां होती रही है. पहले निगरानी, फिर सीबीआइ ने मामलों की जांच की है. गड़बड़ी के मामले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सदस्य जेल भी जा चुके है.
अधिवक्ता मनोज टंडन ने भी पक्ष रखा, जबकि जेपीएससी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, संजय कुमार पिपरवाल व राजेश शंकर ने पक्ष रखा. मालूम हो कि प्रार्थी सुराज दल के अध्यक्ष पीके सिद्धार्थ ने जनहित याचिका दायर की है. साथ ही अवध किशोर मेहरा व अन्य की ओर से भी अलग से रिट दायर कर जेपीएससी के निर्णय को चुनौती दी है. दोनों याचिकाओं की सुनवाई साथ-साथ हो रही है.
* एडवाइजरी कमेटी गठित करेगी सरकार
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को लेकर सरकार एडवाइजरी कमेटी का गठन करेगी. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के विधायकों को शामिल किया जायेगा. समिति की अध्यक्षता संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय करेंगे. यह घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को विधानसभा में खाद्य आपूर्ति विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान की.
श्री दास ने कहा कि जेपीएससी व एसएससी के मामले को सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के विधायक उठा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा सभी अवगत हैं कि पिछली सरकार की नियमावली पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई. पिछली सरकार की गलतियों में सुधार को लेकर सरकार परामर्शदातृ समिति का गठन करेगी.
परामर्शदातृ समिति के सुझाव पर सरकार काम करेगी. इससे पहले विधायक रामचंद्र सहित ने इस मामले को सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि जेपीएससी की विसंगति को लेकर विपक्षी दल की ओर से सदन को बाधित किया जा रहा है. झारखंड राज्य चयन आयोग की नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन में भी विसंगति है. सहायक कारापाल की नियुक्त में से क्षेत्रीय भाषा की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है. वहीं पंचायत सचिव की नियुक्ति में स्थानीय निवास पत्र नहीं मांगा जा रहा है. इससे झारखंड के शिक्षित नौजवानों का हक मारा जायेगा.
* विपक्ष ने किया राजभवन मार्च
जेपीएससी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने बुधवार को राजभवन मार्च किया. राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. राज्यपाल से मिल कर लौटने के बाद विपक्ष के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरे विषय की जानकारी राज्यपाल को दी गयी है. उन्हें बताया गया है कि पांचवीं जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है. इसकी जांच सीबीआइ या न्यायिक आयोग से करायी जाये.
श्री सोरेन ने कहा कि सत्ता पक्ष दबाव बना कर सदन में विपक्ष को इस मामले में चुप करना चाहता है. लेकिन, ऐसा नहीं होनेवाला है. सरकार सदन में चर्चा करना चाहती है. इस पर विपक्ष भी सहमत है, लेकिन चर्चा के बाद वोटिंग होनी चाहिए. इससे सरकार भाग रही है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार नहीं मानेगी, तो पूरा विपक्ष बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा.
* महामहिम से हस्तक्षेप का आग्रह
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि पूरे मामले पर महामहिम से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है. वह राज्य में सर्वोच्च संवैधानिक पद पर हैं. परीक्षा में धांधली हुई है. एक ही कोचिंग सेंटर से कई विद्यार्थी चुने गये हैं. आरक्षण के नियमों का पालन नहीं हुआ है. जेपीएससी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है.
* न्याय नहीं मिला, तो जनता के पास जायेंगे
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि विपक्ष ने लड़ाई को एक पायदान ऊपर पहुंचाया है. पहले हम सदन में विरोध कर रहे थे, अब लड़ाई को राजभवन तक लेकर आ गये हैं. यहां से भी न्याय नहीं मिला, तो हम जनता के पास जायेंगे.
* कौन-कौन गये राजभवन
आलमगीर आलम, स्टीफन मरांडी, मनोज यादव, निर्मला देवी, गीता कोड़ा, जोबा मांझी, इरफान अंसारी, बादल, अनिल मुर्मू, नलिन सोरेन, अरुप चटर्जी, सीता सोरेन, योगेंद्र महतो, रवींद्र महतो, चंपई सोरेन, जय प्रकाश भाई पटेल, अमित महतो, जगरनाथ महतो, कुणाल षाड़ंगी, दीपक बिरुआ, शशिभूषण सामड, प्रकाश राम,निरल पूर्ति, विदेश सिंह, विनोद पांडेय, सुप्रीयो भट्टाचार्या आदि.

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