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झारखंड विधानसभा : अडाणी के लिए 10 गुनी कम की जमीन की दर

संताल परगना में जमीन अधिग्रहण के बदले दिये जानेवाले मुआवजे की दर कम किये जाने पर विधानसभा में हंगामा हुआ़ विपक्ष ने आरोप लगाया है कि अडाणी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने ऐसा किया है़. रांची:संताल परगना में जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजे की दर कम करने के मामले में मंगलवार को […]

संताल परगना में जमीन अधिग्रहण के बदले दिये जानेवाले मुआवजे की दर कम किये जाने पर विधानसभा में हंगामा हुआ़ विपक्ष ने आरोप लगाया है कि अडाणी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने ऐसा किया है़.
रांची:संताल परगना में जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजे की दर कम करने के मामले में मंगलवार को विधानसभा में हंगामा हुआ़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि संताल परगना में जमीन का मूल्य 10 गुना कम कर 3़ 25 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है़ गोड्डा के उपायुक्त ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के आलोक में जमीन की दर 41 लाख रुपये प्रति एकड़ तय की थी़. उन्होंने आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन का मू्ल्य 10 गुना कम किया गया है़.
बड़ा घोटाला हो रहा है : सदन की कार्यवाही के दौरान प्रदीप यादव ने कहा : इसमें बड़ा घोटाला हो रहा है. अडाणी की कंपनी को दो हजार करोड़ का फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है़ उन्होंने इस मामले में कार्यस्थगन भी लाया़ पर स्पीकर दिनेश उरांव ने इसे अमान्य करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार भू-राजस्व की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखेगी़ वहीं, संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय का कहना था कि पहले तो आसन को देखना चाहिए कि यह मामला कार्यस्थगन के लायक है या नहीं.
सत्ता पक्ष के विधायक ने भी किया प्रदर्शन
मामले को लेकर विपक्ष ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया़ विपक्ष के प्रदर्शन में सत्ता पक्ष के महगामा विधायक अशोक कुमार भी शामिल हुए़ अशोक कुमार ने कहा : किसानों को जमीन का उचित मूल्य मिलना चाहिए़ गोड्डा के उपायुक्त ने जमीन की दर निर्धारित की थी़ उसे घटा कर कम कर दिया गया़ हम किसानों के साथ है़ं प्रदर्शन में झाविमो नेता प्रदीप यादव, कांग्रेस के इरफान अंसारी सहित कई नेता शामिल हुए़.
सरकार को नहीं है किसानों की चिंता, जमीन की दर घटाने में बड़ी डील हुई : बाबूलाल
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सरकार को किसानों की चिंता नहीं है. सरकार ने बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए झारखंड मुद्रांक नियमावली-2009 और 2012 में संशोधन कर दिया है. इसके तहत गोड्डा जिले की अविक्रयशील जमीन का मूल्य 10 नवंबर 2015 से दो वर्ष के लिए 10 गुना घटा कर मात्र 3.25 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है. श्री मरांडी ने कहा कि जमीन की दर घटाने में बड़ी डील हुई है. इस फैसले से किसानों को मुआवजा के तौर पर सिर्फ 13 लाख रुपये प्रति एकड़ मिलेगा. बाबूलाल मंगलवार को रांची स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़.
डीसी ने 1.05 करोड़ रुपये प्रति एकड़ भेजा था दर : उन्होंने कहा, ‘गोड्डा जिले में जमीन हस्तांतरण को लेकर तत्कालीन उपायुक्त ने गैरमजरूआ और रैयती भूमि का मूल्य प्रखंडवार निर्धारित कर छह अगस्त 2014 को भूमि राजस्व सचिव को भेजा था. इसमें महगामा के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर तय की गयी थी. पर सरकार ने कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन की दर 10 गुना घटा दी़.
किसानों के लिए संघर्ष करेगी पार्टी : बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘हमारी पार्टी कंपनियों को अरबों रुपये का लाभ पहुंचाने के सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग करती है. सरकार का फैसला किसान विरोधी है. किसानों की जमीन लुटने नहीं दी जायेगी. पार्टी इसे लेकर संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गांव और किसान विरोधी है. पिछले एक वर्ष के कार्यकाल में झारखंडवासियों के हितों में राज्य सरकार ने कोई काम नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री को किसानों और जनता के हितों की कोई चिंता नहीं है.

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