सवाल: हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा, कैसे निबटेंगे जलसंकट से
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को जलस्रोतों की साफ-सफाई व अतिक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कई सवाल […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को जलस्रोतों की साफ-सफाई व अतिक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दाैरान नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कई सवाल पूछे.
खंडपीठ ने पूछा कि यदि आनेवाले समय में कम बारिश होती है, तो उससे पैदा होनेवाले जल संकट से सरकार कैसे निपटेगी. सरकार की अोर से क्या-क्या तैयारी की गयी है अथवा की जायेगी. जल संरक्षण आैर नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये हैं. खंडपीठ ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ में प्रतिदिन सुबह व शाम जलापूर्ति की जाती है. लोगों को वहां नियमित व पर्याप्त जल मिलता है. पेयजल व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद होगी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से जवाब दाखिल कर खंडपीठ को बताया गया कि रांची में पर्याप्त जल उपलब्ध है. गेतलसूद डैम व हटिया डैम को जोड़ दिया गया है. अब समस्या नहीं होगी. इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना है. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. मालूम हो कि जलस्रोतों के रखरखाव व अतिक्रमण से संबंधित प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.