सोने की खान जितना कीमती है डाटा : डॉ प्रमोद
रांचीः यूआइडीएआइ के चीफ आर्किटेक्ट डॉ प्रमोद वर्मा ने यूआइडीएआइ सिस्टम डिजाइन के महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में बताया. कहा कि आधार व्यक्ति को पहचान देने का काम करेगा. आधार का इस्तेमाल सेवाओं को सुनिश्चित करने और फोजर्री रोकने के लिए किया जायेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स कनेक्टिविटी के लिए आधार एक बेहतरीन टूल है. इसे आइटी से […]
रांचीः यूआइडीएआइ के चीफ आर्किटेक्ट डॉ प्रमोद वर्मा ने यूआइडीएआइ सिस्टम डिजाइन के महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में बताया. कहा कि आधार व्यक्ति को पहचान देने का काम करेगा. आधार का इस्तेमाल सेवाओं को सुनिश्चित करने और फोजर्री रोकने के लिए किया जायेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स कनेक्टिविटी के लिए आधार एक बेहतरीन टूल है. इसे आइटी से जोड़ कर सेवा प्रदान करने पर पेपर वर्क काफी कम हो जायेगा. श्री वर्मा ने बताया कि आधार कार्ड बनाने में सरकार को काफी कम खर्च करना पड़ रहा है.
इंगलैंड में एक यूके आइडी कार्ड बनाने की लागत लगभग 150 पौंड है, जबकि एक आधार कार्ड निर्माण पर आने वाला कुल खर्च केवल 62 रुपये है. उन्होंने कहा : भारत सरकार के पास डाटा भरा पड़ा है. यह सोने की खान जितना कीमती है. उपलब्ध डाटा को इस्तेमाल करने की जरूरत है. इसे लोगों के सामने रखने की आवश्यकता है. डाटा ऑनलाइन होने पर शासन में पारदर्शिता आयेगी.
आधार की डिजाइन ऐसी है कि उसे सेवा प्रदान करने वाली व्यवस्था के साथ जोड़ा जा सकता है. कागजी कार्यवाही कम करने और चीजों को पारदर्शी बनाने में यह बहुत सहायक सिद्ध होगा. श्री वर्मा ने इको सिस्टम डेवलपमेंट, ओपेन स्टैंडर्ड, ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर और वेंडर इंडिपेंडेंस आदि के लिए देश में किये जा रहे कार्यो के बारे में बताया. कहा कि आधार बायोमेट्रिक्स मैनेजमेंट का दुनिया में सबसे बड़ा उदाहरण है. अब तक यूआइडीएआइ 50 करोड़ से ज्यादा लोगों का रिकार्ड संग्रहित कर चुका है.