अभिषेक रंजन ने पूछताछ में पुलिस अधिकारियों को दी कई अहम जानकारी
रांची : पंडरा ओपी क्षेत्र के शाहदेवनगर निवासी जेवीएम श्यामली के छात्र अभिषेक रंजन का अपहरण बेहोशी की दवा देकर किया गया था. उसके अपहरण में एक ऑटो चालक और एक दूसरा व्यक्ति शामिल था. बेहोशी की हालत में आंख में पट्टी बांध कर उसे एक जंगल ले जाया गया.
वहां उसे एक घर में रखा गया था. अपहरण करने वाले ने उसे मुक्त करने के पहले बैंक के एक विथड्रावल स्लिप पर हस्ताक्षर कराये. बाद में अपहरण करनेवाले उसकी आंख में पट्टी बांध कर एक कार से लेकर शुक्रवार की देर रात ओटीसी ग्राउंड के पास पहुंचे. यहां मुक्त करने के बाद उसे मोबाइल वापस कर दिया गया.
यह जानकारी अभिषेक रंजन ने पूछताछ में पुलिस अधिकारियों को दी है. हालांकि पुलिस अधिकारियों को उसके बयान पर संदेह हैं. अभिषेक का ब्लड पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अभिषेक को बेहोशी की दवा दी गयी थी या नहीं. पुलिस बल्ड रिपोर्ट आने के बाद फिर से उससे कुछ बिंदुओं पर पूछताछ करेगी. अभिषेक ने पुलिस को यह भी बताया कि अपहरण करनेवालों ने उसे घटना के दिन करीब चार बजे एक बार जान से मारने की धमकी दी थी. उससे कहा गया था कि जल्द से जल्द अपने परिजनों को फिरौती की रकम लेकर जंगल में आने के लिए कहो. पुलिस के अनुसार अभिषेक को शनिवार को पूछताछ के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि अभिषेक शुक्रवार के दिन 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की परीक्षा देकर घर लौटने के दौरान गायब हो गया था. उसे अंतिम बार न्यू मार्केट के समीप एक ऑटो में देखा गया था.
दिन में ही अभिषेक के घर में किसी ने एक परची फेंक कर उसके परिजनों को बताया कि अभेषक का अपहरण कर लिया गया है. उसे मुक्त करने के एवज में अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से अभिषेक को सरकार की ओर से इनाम में मिले दो लाख रुपये फिरौती के रूप में मांगे. तब अभिषेक के पिता अशोक सिंह ने उसके अपहरण को लेकर पंडरा ओपी में शिकायत दर्ज करायी थी.
मोबाइल लोकेशन आेटीसी ग्राउंड मिला
अभिषेक के साथ साथ ऑटो में दूसरे यात्री भी बैठे थे, लेकिन धीरे- धीरे सभी यात्री उतरते चले गये. अंत में सिर्फ ऑटो चालक और एक अन्य व्यक्ति बचा. दोनों ने उसे बेहोशी की दवा दी. उसनेे बताया कि उसे कहां रखा गया था, इसके संबंध में जानकारी नहीं है. उसके मोबाइल की जांच करने पर पुलिस को उसका मोबाइल लोकेशन घटना से पहले और मुक्त होने के बाद ओटीसी ग्राउंड ही मिला है.
कहीं अपहरण की झूठी कहानी तो नहीं रची
अभिषेक पढ़ाई-लिखाई में बेहतर छात्र है, लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि अभिषेक की 12 वीं की परीक्षा खराब जा रहा था, जिस कारण उसने खुद ही कुछ लोगों के सहयोग से अपहरण की झूठी कहानी रची. इस बिंदु पर पुलिस गहराई से जांच कर रही है. पुलिस ऑटो चालक के बारे में भी जानकारी एकत्र करने के अलावा अपहरण की घटना से संबंधित दूसरे बिंदुओं पर भी जांच कर रही है.