स्कूल कैंपस में होती है छेड़खानी, कैसे करे पढ़ाई
अंधेरगर्दी : नयी शिक्षा नीति पर कार्यशाला, स्कूल की छात्रा ने बतायी पीड़ा राजधानी के बीचोंबीच स्थित स्कूल में एक आदमी खुलेआम छात्राओं से रोज छेड़खानी कर रहा है. शिकायत होने पर पुिलस कोई कार्रवाई नहीं करती. स्कूल की प्राचार्य हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती हैं. रांची : सर कैसे पढ़ाई करेंगे, स्कूल कैंपस […]
अंधेरगर्दी : नयी शिक्षा नीति पर कार्यशाला, स्कूल की छात्रा ने बतायी पीड़ा
राजधानी के बीचोंबीच स्थित स्कूल में एक आदमी खुलेआम छात्राओं से रोज छेड़खानी कर रहा है. शिकायत होने पर पुिलस कोई कार्रवाई नहीं करती. स्कूल की प्राचार्य हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती हैं.
रांची : सर कैसे पढ़ाई करेंगे, स्कूल कैंपस में बैठ कर बाहरी व्यक्ति गंदी नजर से देखता है़ छेड़खानी करता है़ लड़िकयां परेशान हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. निशा मुरमू (हटिया की पूर्व डीएससी) से शिकायत की गयी पर कुछ नहीं हुअा़ एक बार और पुलिस से शिकायत की गयी थी़
एसएस बालिका उच्च विद्यालय डोरंडा की एक छात्रा ने अपनी यह पीड़ा शनिवार को नयी शिक्षा नीति में बच्चों के सुझाव को लेकर आयोजित पूर्वी भारत स्तरीय कार्यशाला में रखी. कार्यशाला का आयोजन होटल बीएनआर में किया गया था़ छात्रा की बात सुनकर सभी लोग अवाक रह गये़
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर ही बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को बुलाने आदेश दिया़ डीइओ ने मौके पर ही छात्रा से ममाले की जानकारी ली़ विद्यालय की शिक्षिका से भी मामले के बारे में पूछा गया़ छात्रा के बताया कि लंच के समय वह व्यक्ति कुर्सी लगाकर कैंपस में बैठ जाता है़ लड़कियों घूरते रहता है, कॉमेंटस पास करता है, पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती .
राजधानी के बीच स्थित एसएस बालिका उच्च विद्यालय डोरंडा का मामला दो बार पुलिस से की गयी शिकायत, पर नहीं की गयी कोई कार्रवाई
वर्षों से स्कूल कैंपस में ही रहता है
वह व्यक्ति विद्यालय कैंपस में ही वर्षों से रहता है़ पहले उसकी पत्नी विद्यालय में कार्यरत थी़ पत्नी की मौत के बाद भी उससे विद्यालय का आवास खाली नहीं कराया गया़ विद्यालय की प्राचार्या द्वारा कभी इसकी शिकायत विभाग या पुलिस से नहीं की गयी़
क्या कहते हैं डीइओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार प्रसाद सिंह ने कहा कि छात्रा की शिकायत की जांच करायी जायेगी़ जांच रिपोर्ट के अनुरूप आगे कार्रवाई होगी. दोषी व्यक्ति के खिलाफ स्कूल प्राचार्या की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी़ अगर प्रधानाध्यापिका एफआइआर नहीं करती है, तो उन्हें विद्यालय से हटा दिया जायेगा़