प्रमोद हत्याकांड. उग्रवादियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिले

रांची: सम्राट गिरोह के समर्थक और ईंट-बालू सप्लायर प्रमोद महतो हत्याकांड में पुलिस को जांच के दौरान पीएलएफआइ के उग्रवादियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं. पुलिस के अनुसार सम्राट गिरोह का समर्थक होने के कारण प्रमोद महतो का पुराना विवाद पीएलएफआइ के उग्रवादियों से था. कुछ दूसरे विवाद के बारे में भी पुलिस को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 1:31 AM
रांची: सम्राट गिरोह के समर्थक और ईंट-बालू सप्लायर प्रमोद महतो हत्याकांड में पुलिस को जांच के दौरान पीएलएफआइ के उग्रवादियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं. पुलिस के अनुसार सम्राट गिरोह का समर्थक होने के कारण प्रमोद महतो का पुराना विवाद पीएलएफआइ के उग्रवादियों से था. कुछ दूसरे विवाद के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली है. इसी विवाद में पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने प्रमोद महतो की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्याकांड के बाद रोहित, जिसने खुद को पीएलएफआइ का उग्रवादी बता कर घटना की जिम्मेवारी ली है, पुलिस उसके नाम और पते का सत्यापन कर रही है.
पुलिस ने घटना को लेकर मृतक प्रमोद महतो के भाई देवचंद महतो के बयान पर चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. प्राथमिकी में हरिहर महतो और देवचंद महतो के अलावा दो अन्य अज्ञात का उल्लेख है. पुलिस को जानकारी मिली है कि हरिहर महतो पीएलएफआइ का उग्रवादी है. वह पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के इशारे पर काम करता है. प्राथमिकी में शामिल कार्तिक के बारे में बताया जाता है वह हरिहर का साला है.

पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि प्रमोद महतो कार्तिक के नाम पर ठेकेदारी लेता था. सम्राट गिरोह का समर्थक होने के कारण उसका पुराना विवाद पीएलएफआइ उग्रवादियों के साथ था. इसी कारण उसे रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या कर दी गयी. पुलिस को यह भी आशंका है कि प्रमोद महतो को खूंटी बाजार का टेंडर लेने के लिए उग्रवादियों ने मना किया था, लेकिन प्रमोद मानने को तैयार नहीं था. कहीं इसी विवाद में उसकी हत्या तो नहीं कर दी गयी, पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. उल्लेखनीय है कि प्रमोद महतो की हत्या शनिवार की रात 7: 30 बजे बिरसा चौक के पास गोली मार कर दी गयी थी. घटना में चार लोगों के शामिल होने की बात सामने आयी थी.

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