काम नहीं करने पर सरकार ने रोकी जेरेडा की राशि

रांची: सरकार की योजनाओं पर काम नहीं करने की वजह से सरकार ने झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) की राशि रोक दी है. जेरेडा द्वारा पिछले दो वित्तीय वर्ष की राशि खर्च नहीं करने की वजह से सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की राशि रोक दी है. जेरेडा के परफाॅर्मेंस पर नाराजगी जताते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2016 12:37 AM
रांची: सरकार की योजनाओं पर काम नहीं करने की वजह से सरकार ने झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) की राशि रोक दी है. जेरेडा द्वारा पिछले दो वित्तीय वर्ष की राशि खर्च नहीं करने की वजह से सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की राशि रोक दी है.
जेरेडा के परफाॅर्मेंस पर नाराजगी जताते हुए ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने निदेशक जेरेडा से पिछले दो वित्तीय वर्ष के दौरान राशि खर्च न होने के कारणों का उल्लेख करते हुए जवाब मांगा है.इस बाबत उन्होंने निदेशक जेरेडा को पत्र भी लिखा है. जेरेडा के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसमें 32 करोड़ रुपये पूर्व में दिये जा चुके थे. शेष 48 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त करने पर सरकार ने रोक लगा दी है.
खर्च की स्थिति खेदजनक : ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने जेरेडा निदेशक को पत्र लिख कर कहा है कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में जेरेडा को 11.87 करोड़ रुपये और 2014-15 में 50 करोड़ रुपये विमुक्त किये गये थे, लेकिन जेरेडा ने 12-13 में विमुक्त राशि में से 5.86 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं, जो दी गयी राशि का 50 प्रतिशत है.2014-15 में दी गयी राशि में से सिर्फ 3.83 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं, जो जेरेडा को दी गयी राशि का सिर्फ आठ प्रतिशत है. सचिव ने लिखा है कि खर्च की यह स्थिति खेदजनक है.
रूफटॉप में बरती गयी शिथिलता : प्रधान सचिव ने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में सरकारी भवनों में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट की योजना शामिल की थी. जेरेडा के स्तर पर इसके क्रियान्वयन में शिथिलता बरती जा रही है. इसलिए निदेशक इस मामले में अपना जवाब विभाग को भेजें. पत्र में यह भी कहा गया है कि वित्त विभाग के संकल्प के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की निकासी के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में की गयी निकासी के 66 प्रतिशत का उपयोगिता प्रमाण पत्र देने की बाध्यता है. पर जेरेडा ने ऐसा नहीं किया. इस कारण सरकार ने राशि रोक दी. इसमें योजना मद व वेतन आदि शामिल है. प्रधान सचिव ने विगत एक वर्ष में राशि व्यय नहीं हो सकने से संबंधित तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है. इसके लिए जिम्मेवारी निर्धारित कर एक प्रतिवेदन विभाग को भेजने का निर्देश दिया़
जेरेडा के पीएलए खाते में पड़े हैं 95.89 करोड़
जेरेडा को वित्तीय वर्ष 2011-12 से लेकर 2015-16 तक 288.87 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के लिए मिल चुके हैं. इसमें 132.97 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. शेष 95.89 करोड़ रुपये जेरेडा के पीएल खाते में पड़े हैं. दूसरी ओर पंचायतों में सोलर रूफटॉप प्लांट की योजना, घोड़ाबांध थीम ऊर्जा पार्क, हाइडल परियोजनाओं के लिए डीपीआर, सरकारी भवनों में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना, सोलर लालटेन, सोलर होमलाइट, सोलर स्ट्रीट लाइट व ई-गवर्नेंस से संबंधित योजनाएं लंबित हैं.
क्या है जेरेडा को मिली राशि की स्थिति
वित्तीय वर्ष आवंटित राशि खर्च शेष राशि(लाख में)
2011-12 3500 3157.90 342.10
2012-13 10000 8448.09 1551.91
2013-14 1187 753.42 433.58
2014-15 5000 938.19 4061.81
2015-16 3200 00 3200

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