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कन्हैया के प्रति सहानुभूति रखने वाले प्रोफेसर को आमंत्रित करने पर झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी की डीन पदमुक्त

रांची :देश के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयोंजवाहर लाल नेहरूविश्वविद्यालय व हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में हंगामा मचनेकेबाद एक तीसरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी चर्चा में है. इस बार चर्चा में आया है रांचीस्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड की डीन डॉ श्रेया भट्टाचार्य कोबेहदमामूली वजह से निलंबित कर दिया गया है. उन पर सरदार पटेलकी […]

रांची :देश के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयोंजवाहर लाल नेहरूविश्वविद्यालय व हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में हंगामा मचनेकेबाद एक तीसरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी चर्चा में है. इस बार चर्चा में आया है रांचीस्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड की डीन डॉ श्रेया भट्टाचार्य कोबेहदमामूली वजह से निलंबित कर दिया गया है. उन पर सरदार पटेलकी 140 वीं जयंतीपर आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन से बिना अनुमति के जेएनयू के प्रोफेसर डॉ पाणिनी को आमंत्रित करने का आरोप है. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में 19 मार्च 2016 को सरदार पटेल के 140 वीं जयंती में कार्यक्रम का आयोजन था. विश्वविद्यालय की डीन श्रेया भट्टाचार्या पर इस कार्यक्रम की विफलता का भी आरोप लगाया गयाहै.

विश्विद्यालय के कुलपति प्रो नंद कुमार यादव " इंदु " ने अपने आदेश में कहा कि श्रेया अपनी जिम्मेदारियों को समुचित ढंग से पूरा नहीं कर पायीं हैं. इसलिए यूनिवर्सिटी की छवि धूमल हुई है.प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस समारोह में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होने वाली थीं. डा पाणिनी का जेएनयू में कथित कन्हैया मामले में सहानुभूतिपूर्ण रवैया रहा है. उन्हें भी वामपंथी विचारधारा का पैरोकार माना जाता है.राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम अचानकटल गया.
द्रौपदी मुर्मू राज्यपाल बनने से पहले भाजपा की सक्रिय नेता रही हैं. सेंट्रल यूनवर्सिटियों पर कमान रखने वाली केंद्र सरकार भी अभी भाजपा की है और राज्य में भी सरकार भाजपा की है. लोग झारखंड सेंट्रल यूनवर्सिटी के ताजा विवाद को वामपंथी व संघी विचारधारा के संघर्ष का परिणाम मान रहे हैं.
कौन हैंडॉ श्रेया भट्टाचार्य?
डॉ श्रेया भट्टाचार्या झारखंड सेंट्रल यूनवर्सिटी में अंगरेजी की एसोसिएट प्रोफेसर हैं.वेयूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ इंगलिश लैंग्वेज की एसोसिएट प्रोफेसर हैं.साथहीउनके पास स्कूल ऑफ लैंग्वेज के डीन पद की जिम्मेवारीथी. वे डीन ऑफ स्कूल ऑफएडुकेशनवडीन स्टूडेंट वेलफेयर के पद पर भीथीं. उन्हें इन जिम्मेवारियों से मुक्त कर दिया गया है.कुलपति ने डॉश्रेयापर विभागीय कार्रवाई होने तक मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है.उन्होंने विश्वविद्यालय में17से 19 मार्च तक होनेवालेसरदारपटेल जयंती कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया था.

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