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योजना की राशि निकाल कर बनवा लिया मकान

रांची: सरकार ने फरहा महिला विकास समिति को डोरंडा के परसटोली में महिला विकास केंद्र के निर्माण के लिए 7,91,000 रुपये आवंटित किये, लेकिन केंद्र का निर्माण नहीं कराया गया. समिति की फरहा खातून ने रुपये निकाल कर चान्हो के पंडरी पंचायत स्थितझिवरीमोड़ के समीप भवन बनवा लिया. भवन में एक कमरा और दो हॉल […]

रांची: सरकार ने फरहा महिला विकास समिति को डोरंडा के परसटोली में महिला विकास केंद्र के निर्माण के लिए 7,91,000 रुपये आवंटित किये, लेकिन केंद्र का निर्माण नहीं कराया गया. समिति की फरहा खातून ने रुपये निकाल कर चान्हो के पंडरी पंचायत स्थितझिवरीमोड़ के समीप भवन बनवा लिया. भवन में एक कमरा और दो हॉल अर्धनिर्मित है. जिस जमीन पर अर्धनिर्मित भवन है, वह जमीन फरहा के पिता के नाम पर है. इसका खुलासा पुलिस जांच में हुआ है.

यह समिति सरकार से निबंधित है. समिति का कार्य क्षेत्र डोरंडा, परसटोली व वार्ड नंबर 47 तक सीमित है. वित्तीय वर्ष 2011-12 में जनजातीय क्षेत्र उप योजना के अंतर्गत महिला विकास केंद्र व महिला समितियों को आधारभूत संरचना के निर्माण हेतु अनुदान में रुपये मिले थे. राशि खूंटी स्थिति केंद्रीय सहकारी बैंक में समिति के अकाउंट में जमा थी. राशि निकालने का अधिकार सचिव फरहान खातून और अध्यक्ष कहकशां कमाल के पास था. सात अप्रैल को बैंक से सात लाख की निकासी की गयी. इसके बाद 27 जून 2012 से 26 जून 2013 के बीच विभिन्न तिथियों में 88,900 रुपये निकाले गये. पावती रसीद में अध्यक्ष के रूप में अफसरी बेगम और सचिव फरहा खातून का हस्ताक्षर है.

जब जिला सहकारिता पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह के निर्देश पर सोनाहातू के सहकारिता पदाधिकारी कमलेश कुमार ने जांच की, तब उन्होंने पाया कि परसटोली में जहां पर महिला विकास केंद्र का निर्माण करना था. वहां कोई निर्माण नहीं हुआ. जांच के दौरान फरहान खातून ने बताया कि महिला विकास केंद्र का निर्माण चान्हो प्रखंड में किया गया है. जांच में यह भी पाया गया कि समिति का कार्य क्षेत्र चान्हो प्रखंड नहीं है. इसकी जांच चान्हो प्रखंड के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी सुनील कुमार चौधरी ने की. जांच में पाया गया कि जिस जमीन पर निर्माण हुआ है, वह जमीन भी समिति के नाम पर नहीं है.

डोरंडा थाने में प्राथमिकी: जिला सहकारिता पदाधिकारी ने सात मार्च 2013 को फरहान खातून को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर अनुदान में प्राप्त राशि 7,91,000 चालान के माध्यम से डोरंडा कोषागार में जमा करें. रुपये जमा नहीं होने पर सरकारी राशि गबन करने के आरोप में जिला सहकारिता पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मामले की शिकायत डोरंडा थाने में की. नौ नवंबर 2013 को कांड संख्या 380/13 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गयी.

फैक्ट फाइल

26 मार्च 2012 को सरकार ने राशि की स्वीकृत दी

31 मार्च 2012 से समिति के खाते में रुपये जमा हुये

सात अप्रैल 2012 को एक बार में सात लाख की निकासी

नौ मई 2012 को निर्माण कार्य की जांच का आदेश.

तीन अक्तूबर 2012 सहकारिता पदाधिकारी ने रिपोर्ट दी

दो मार्च 2013 को चान्हो में भवन की जांच रिपोर्ट दी गयी

सात मार्च 2013 सचिव को रुपये वापस करने का आदेश

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