प्रत्युषा के नाना प्रभात कुमार मुखर्जी ने कहा, सुसाइड नहीं कर सकती मेरी नतिनी
-प्रभात खबर टोली- पूरा जमशेदपुर प्रत्युषा बनर्जी (बालिका वधू) की मौत से अभी भी सदमे में है. टाटानगर स्टेशन के पास जुगसलाई में प्रत्युषा का ननिहाल है. अंधेरे कमरे में वुडेन चेयर पर बैठे प्रत्युषा बनर्जी के 75 वर्षीय नाना प्रभात कुमार मुखर्जी प्रभात खबर में प्रत्युषा बनर्जी से संबंधित प्रकाशित खबरों की कटिंग काट […]
-प्रभात खबर टोली-
पूरा जमशेदपुर प्रत्युषा बनर्जी (बालिका वधू) की मौत से अभी भी सदमे में है. टाटानगर स्टेशन के पास जुगसलाई में प्रत्युषा का ननिहाल है. अंधेरे कमरे में वुडेन चेयर पर बैठे प्रत्युषा बनर्जी के 75 वर्षीय नाना प्रभात कुमार मुखर्जी प्रभात खबर में प्रत्युषा बनर्जी से संबंधित प्रकाशित खबरों की कटिंग काट रहे थे. यह उनकी पुरानी आदत है. प्रतिभावान प्रत्युषा के स्कूली दिनों से ही जब कभी भी उसकी कोई तसवीर या खबर अखबारों में छपती है, वे उसे काट कर सहेज लेते हैं.
ऐसे न जाने कितनी क्लिपिंग उनके पास हैं. जब संवाददाता वहां पहुंचा, तो वे इतने भावुक हो उठे कि आंसुओं को रोक नहीं पाये. अपनी नतिनी से बेपनाह स्नेह रखनेवाले नाना की नम आंखें सबकुछ बयां कर रही थीं. उन्होंने अपनी एक पुरानी डायरी चुपचाप उसकी तरफ बढ़ा दी. उसमें प्रभात खबर समेत बांग्ला व अन्य अखबारों में छपी प्रत्युषा की अब तक की सभी रिपोर्ट्स की कटिंग्स हैं. थोड़ा संभलने के बाद उन्होंने कहा कि प्रत्युषा कभी सुसाइड कर ही नहीं सकती.
अब कौन कहेगा बंधु : प्रभात कुमार बनर्जी ने कहा कि प्रत्युषा भले ही मेरी नतिनी थी, लेकिन बचपन से लेकर आजतक उसने कभी भी मुझे नाना कह कर नहीं पुकारा. हमेशा बंधु कह कर पुकारती थी. वह मुझे अपना दोस्त मानती थी. प्रत्युषा के जाने के बाद मैं अकेला-सा हो गया हूं. एक अकेला व्यक्ति प्रत्युषा की यादों को संजोने के सिवा भला कर ही क्या सकता है. इसलिए मैं कटिंग्स को काट कर संजो रहा हूं. प्रत्युषा की परवरिश इसी घर में हुई. यहां पर अपने दूसरे भाई-बहनों के साथ खेला करती थी. इतनी डेयर लड़की प्रत्युषा सुसाइड करने जैसा गलत कदम नहीं उठा सकती.
मुंबई जाना गलत फैसला था : मैं कभी इस पक्ष में नहीं रहा कि प्रत्युषा इंडस्ट्री में जाये. मैंने उसे रोकना तो चाहा था, लेकिन रोक नहीं पाया. प्रत्युषा ने गलत ब्वॉय फ्रेंड का भी चुनाव किया. प्रत्युषा को कई बार मैंने समझाने की कोशिश की, कि कोलकाता में काम करो. कोलकाता हमारे शहर के पास भी है. बांग्ला इंडस्ट्री में शांति भी है, लेकिन बॉलीवुड से बांग्ला सिनेमा में आने का कदम प्रत्युषा ना उठा सकी व मुंबई की चकाचौंध में खो गयी.
एक बार जो डायलॉग सुन लेती याद हो जाता था उसे : मेरी चार बेटियां है, जिसमें सोमा (प्रत्युषा की मां) सबसे बड़ी है व काफी तेज भी. यह स्वभाव प्रत्युषा में भी झलकता था. उसे अभिनय से काफी ज्यादा लगाव था. एक बार वह जो डायलॉग सुन लेती थी, उसे याद हो जाता था. घर में ही सबको सुनाया करती थी. प्रत्युषा का नाम मेरे ही नाम पर पड़ा था. यह मैंने ही सुझाया था. प्रत्युषा की जाने की खबर सुन कर मेरा पूरा परिवार दुखी है.
प्रभात खबर से इंटरव्यू में कहा था बालिका वधू ने
परिवार में बड़ा कार्यक्रम होगा, तो वह है मेरी शादी
पिछले साल जनवरी के अंत में प्रत्युषा बनर्जी अपने भतीजे के जनेऊ संस्कार में शहर आयी थी. इस दौरान इंटरव्यू में प्रभात खबर से प्रत्युषा ने कहा था कि यह कार्यक्रम मेरे परिवार में करीब 15 साल के बाद हो रहा है. अब कोई बड़ा कार्यक्रम होगा, तो वह मेरी शादी होगी, पर अफसोस कि यह हो न सका. प्रत्युषा के पिता शंकर बनर्जी बिजनेस मैन हैं व इनकी मां सोमा बनर्जी एनजीओ चलाती हैं. प्रत्युषा की मौत से एक दिन पहले हुई बातचीत में सोमा बनर्जी ने कहा था कि शहर में 10 अप्रैल को एक बड़ा कार्यक्रम कराने की तैयारी है, जिसमें प्रत्युषा भी आ सकती है.
गूगल पर सर्च कर निकली थी मायानगरी की ओर : प्रत्युषा बनर्जी ने बताया था कि मैं शुरू से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थी. मेरा इंडस्ट्री में किसी से परिचय नहीं था. करीब सात साल पहले मैंने गूगल पर सर्च करने के बाद मुंबई का रुख किया था. वहां पर दोस्तों के साथ फ्लैट शेयर करती थी. धीरे-धीरे काम मिलता गया. वह अपनी मां सोमा बनर्जी से भी बहुत प्रभावित थी. कहती थी कि मेरी मां जो भी काम करती है, उसे दिल से करती है. एक्टिंग से लेकर निजी जीवन में भी प्रत्युषा दिमाग के बजाय दिल से ज्यादा सोचा करती थी. प्रत्युषा ने कहा था कि चाहे मैं कोई भी काम क्यों ना करूं, दोस्ती से लेकर एक्टिंग तक उसे दिल से निभाती हूं.
इंडस्ट्री में नहीं होता कोई बेस्ट फ्रेंड
इंटरव्यू के दौरान प्रत्युषा बनर्जी ने यह बताया था कि बॉलीवुड में बेस्ट फ्रेंड नाम की कोई चीज नहीं होती, लेकिन मैं जिस किसी से मिलती हूं, प्यार से मिलती हूं. प्रत्युषा शाहरुख खान व काजोल को अपना आदर्श मानती थी. उसने भले ही रिएलिटी शो बिग बॉग में प्रतिभागी के तौर पर हिस्सा लिया हो, लेकिन वो खुद कभी बिग ब़ॉस देखना पसंद नहीं करती थी. ऐसा इसलिए कि उसमें हमेशा निगेटिविटी ही दिखाया जाता था, जो प्रत्युषा को पसंद नहीं था.