झारखंड में नया बिल्डिंग बाइलॉज लागू, हर भवन में जरूरी होगा वाटर हार्वेस्टिंग
रांची : झाखंड के शहरों में नया बिल्डिंग बाइलॉज लागू किया गया है. मंगलवार से झारखंड भवन उप विधि नियमावली 2016 लागू कर दी गयी है. झारखंड भवन उप विधि नियमावली 2016 लागू होने के साथ ही 300 मीटर से अधिक के भूखंड पर बनने वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था जरूरी कर […]
रांची : झाखंड के शहरों में नया बिल्डिंग बाइलॉज लागू किया गया है. मंगलवार से झारखंड भवन उप विधि नियमावली 2016 लागू कर दी गयी है. झारखंड भवन उप विधि नियमावली 2016 लागू होने के साथ ही 300 मीटर से अधिक के भूखंड पर बनने वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था जरूरी कर दी गयी है. ग्रुप हाउसिंग स्कीम के भवनों में ऊर्जा की कुल खपत का कम से कम पांच प्रतिशत का उत्पादन सोलर सिस्टम से करना होगा.
अपार्टमेंट में बनाये जानेवाले पार्किंग स्पेस में कम से कम 15 प्रतिशत जगह आगंतुकों के लिए आरक्षित करना आवश्यक होगा. इसे किसी भी व्यक्ति को बेचा नहीं जा सकता है. बहुमंजिली पार्किंग के क्षेत्रफल को एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) की गणना से मुक्त रखा गया है. निर्माण में एफएआर की 10 फीसदी से अधिक के विचलन को नियमित नहीं किया जा सकेगा. सरकारी भवनों पर भी तड़ित चालक लगाना अनिवार्य किया गया है.
नगर विकास विभाग की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गयी है. नया बिल्डिंग बाइलॉज राज्य के सभी शहरी निकायों, प्राधिकारों, औद्योगिक और खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार में लागू होगा. शहरों में निर्माण करने के लिए नये भवन उप विधि नियमावली का अनुपालन आवश्यक होगा. इसी से स्थानीय निकाय या प्राधिकार भी नक्शे स्वीकृत करेंगे.