निजी क्षेत्र को में 75% स्थानीय को रोजगार की जांच के लिए बनीं कमेटी, नलिन सोरेन बनाये गये संयोजक
निजी क्षेत्र को में 75% स्थानीय को रोजगार की जांच रिपोर्ट कमेटी 45 दिनों में विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी. इस कमेटी का गठन विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण में उठे एक सवाल के आलोक में किया गया है
झारखंड के निजी क्षेत्रों में 75% स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए झारखंड विधानसभा ने पांच विधायकों की एक कमेटी बनायी है. नलिन सोरेन कमेटी के संयोजक हैं, जबकि प्रदीप यादव, नारायण दास, सुदिव्य कुमार और भूषण बाड़ा सदस्य बनाये गये हैं. कमेटी गैर सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराये गये मानव श्रम की भी जांच करेगी.
कमेटी 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी. इस कमेटी का गठन विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण में उठे एक सवाल के आलोक में किया गया है. विधायक सुदिव्य कुमार और प्रदीप यादव ने पिछले साल 21 दिसंबर को सदन में ध्यानाकर्षण में इससे संबंधित मुद्दा उठाया था.
मात्र 404 कंपनियों ने कराया है निबंधन :
विधानसभा में प्रदीप यादव और सुदिव्य कुमार ने कहा था कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम-202 और इसकी नियमावली 2022 अधिसूचित हो गयी है. इसके तहत 40 हजार रुपये मासिक से कम की नौकरी करने वालों की सूची उपलब्ध करानी थी.
इसके लिए सभी निजी क्षेत्र वालों को तीन माह के अंदर निबंधन कराना था. सदन को मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने जानकारी दी थी कि 404 नियोक्ता ने निबंधन कराया है. इसके लिए पोर्टल गठन की प्रक्रिया चल रही है. प्रदीप यादव का कहना था कि राज्य में 4000 से अधिक निजी कंपनियां काम कर रही हैं.
इसमें अब तक मात्र 404 का निबंधन कराना ठीक नहीं है. 22 साल में पहली बार कानून बना है. इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए. इस पर मंत्री ने कहा था कि पोर्टल बनाने का जिम्मा जैप आइटी को दिया गया है. नियोजन निदेशक का भी पदस्थापन कर दिया गया है. पोर्टल तैयार होते ही ऑनलाइन निबंधन की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.