झारखंड गठन की मूल भावना के विपरीत है स्थानीयता : झामुमो

झारखंड गठन की मूल भावना के विपरीत है स्थानीयता : झामुमोझामुमो ने दी आंदोलन की चेतावनीवरीय संवाददाता4रांची झारखंड मुक्ति मोरचा ने राज्य सरकार द्वारा स्थानीयता को परिभाषित किये जाने को झारखंड राज्य गठन की मूल भावना के विपरीत बताया है. पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता के मुद्दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2016 9:32 PM

झारखंड गठन की मूल भावना के विपरीत है स्थानीयता : झामुमोझामुमो ने दी आंदोलन की चेतावनीवरीय संवाददाता4रांची झारखंड मुक्ति मोरचा ने राज्य सरकार द्वारा स्थानीयता को परिभाषित किये जाने को झारखंड राज्य गठन की मूल भावना के विपरीत बताया है. पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में स्थानीयता के मुद्दे पर लिया गया निर्णय अपने आप में असमंजस से भरा है. झामुमो इसकी भर्त्सना करता है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार ने खतियान को भी आधार माना है. 30 वर्ष पूर्व से रहनेवालों को भी स्थानीय माना गया है, जो अपने आप में विरोधाभाष है. तृतीय व चतुर्थ वर्ग के नियोजन में स्थानीय लोगों की प्राथमिकता की बात स्वीकार कर उसकी अनिवार्यता को ही समाप्त कर दिया गया है. इसको लेकर झामुमो आंदोलन करेगा. सरकार का निर्णय एक धोखा है . श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सात अप्रैल 2016 को सरकार के कार्मिक विभाग के उपसचिव द्वारा सभी राजनीतिक दलों को एक पत्र (पत्रांक 2454 दिनांक 17.3.2016) प्राप्त हुआ, जिसमें स्थानीयता निर्धारण के परिप्रेक्ष्य में लिखित सुझाव उपलब्ध करवाने की बात कही गयी़ अामजनों की आकांक्षा की उपेक्षा करते हुए एकतरफा निर्णय लिया गया है़

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