जेपीएससी-एसएससी में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया
जेपीएससी-एसएससी में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया – सरकार ने मानी सरयू राय कमेटी की अनुशंसारांची. राज्य सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट में अहम फैसला लेते हुए जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग में जन जातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया है़ स्थानीय युवक-युवतियों को फायदा देने के लिए सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होनेवाली […]
जेपीएससी-एसएससी में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया – सरकार ने मानी सरयू राय कमेटी की अनुशंसारांची. राज्य सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट में अहम फैसला लेते हुए जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग में जन जातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया है़ स्थानीय युवक-युवतियों को फायदा देने के लिए सरकारी नौकरियों के लिए आयोजित होनेवाली परीक्षा में इन विषयों के चयन की सुविधा होगी़ सरकार की ओर से कहा गया है कि जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सरयू राय की अध्यक्षता मेें बनायी गयी कमेटी की अुनशंसा के आलोक में निर्णय लिया गया है़ कमेटी ने भी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की अनुशंसा की थी़ वैकल्पिक सूची में शामिल स्थानीय भाषा संताली, मुंडा, हो, खरिया, कुडख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी व पंच परगनिया़ क्या-क्या थी कमेटी की अनुशंसा रिक्तियों का 15 गुणा हो पीटी का रिजल्टओएमआर सीट की कॉपी छात्रों को भी दे़ं मुख्य परीक्षा के आवेदन-उत्तर पुस्तिका तकनीकी कारणों से रद्द न हो़ पीटी में 200 अंक का झारखंड विषयक सामान्य अध्ययन का दूसरा पत्र शामिल करे़ं मुख्य परीक्षा में भाषा-साहित्य के पेपर टू का 100 अंक बढ़ा कर 200 करने की सिफारिश़मुख्य परीक्षा संबंधित तृतीय पत्र सामाजिक विज्ञान में झारखंड राज्य से संबंधित ज्ञान विषयक 40 प्रतिशत प्रश्न पूछे जाये़ं