सरकार ने सर्फि 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत का दिया आदेश
सरकार ने सिर्फ 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत का दिया आदेश-गरमी में पानी के लिए तरसेगी जनतावरीय संवाददाता, रांचीसरकार ने पेयजल संकट को देखते हुए राज्य भर में 13 हजार खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का आदेश दिया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय योजना चयन समिति (एसएलएसएससी) ने 28 हजार ट्यूबवेल […]
सरकार ने सिर्फ 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत का दिया आदेश-गरमी में पानी के लिए तरसेगी जनतावरीय संवाददाता, रांचीसरकार ने पेयजल संकट को देखते हुए राज्य भर में 13 हजार खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का आदेश दिया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय योजना चयन समिति (एसएलएसएससी) ने 28 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत की सहमति दी थी. जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2015 को राज्य भर में खराब पड़े ट्यूबवेल को ठीक करने की मांग को देखते हुए राज्य स्तरीय समिति ने अपना निर्णय लिया था. एक एप्रैल 2016 को यह आंकड़ा और बढ़ने की बात कही जा रही है. पेयजल और स्वच्छता विभाग का यह निर्णय लंबे अंतराल के बाद आया है. इसके लिए प्रमंडलवार निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पहले स्टेट प्लान से होता था ट्यूबवेल मरम्मत का कामजानकारी के अनुसार विभाग की तरफ से पहले राज्य योजना मद के पैसे से खराब पड़े ट्यूबवेल को टीक करने का काम कराया जाता था. सूत्रों का कहना है कि स्टेट प्लान का पैसा विभाग की ओर से स्टेट प्लान के इस हेड के पैसे को नवंबर 2015 में ही सरेंडर कर दिया गया. यह दलील दी गयी की राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम से खराब पड़े ट्यूबवेल का काम कराया जायेगा. पर राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम से विभागीय अधिकारियों को सहयोग नहीं मिला. यह कहा गया कि एनआरडीडब्ल्यूपी से खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का कोई प्रावधान ही नहीं है. आपदा प्रबंधन विभाग से की जा रही है फरियादआपदा प्रबंधन विभाग द्वारा खराब पड़े और ट्यूबवेल की मरम्मत के लिए पैसे की मांग की गयी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व में ही सूखे की स्थिति से निबटने के लिए अत्यधिक प्रभावित जगहों में ट्यूबवेल की मरम्मत और पेयजल की कमी नहीं होने देने को लेकर आदेश दिया था. मंत्री ने 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत को नाकाफी बतायाविभागीय मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कमेटी के निर्णयों का अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया था. उन्होंने भी 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत के आदेश को नाकाफी बताया है. उनका कहना है कि राज्य भर में 50 हजार से अधिक ट्यूबवेल ठीक नहीं हैं, जिसे बदलने की आवश्यकता है.