डैम झारखंड का, पर इस पर नियंत्रण किसी और का : चौधरी
डैम झारखंड का, पर इस पर नियंत्रण किसी और का : चौधरीइंडिया वाटर वीक में चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड में पेयजल की कमी व गिरते भूजल की समस्या को रखारांची. राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने शुक्रवार को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित इंडिया वाटर वीक […]
डैम झारखंड का, पर इस पर नियंत्रण किसी और का : चौधरीइंडिया वाटर वीक में चंद्र प्रकाश चौधरी ने झारखंड में पेयजल की कमी व गिरते भूजल की समस्या को रखारांची. राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने शुक्रवार को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित इंडिया वाटर वीक समारोह में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंंत्री उमा भारती से मिलकर नदियों से संबंधित अंतरराज्यीय एकरारनामा का मामला उठाया. उनसे इसकी समीक्षा करने की वकालत की. कार्यक्रम का उदघाटन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया. मंत्री ने मयूराक्षी नदी में निर्मित मसानजोर डैम की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यह डैम पूरी तरह से झारखंड में है, मगर इस पर राज्य का नियंत्रण नहीं हैं. पूरा का पूरा डूब क्षेत्र झारखंड में पड़ने के बावजूद भी सृजित सिंचाई क्षमता का 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा ही राज्य को मिल पाता है. इसी प्रकार की स्थिति दामोदर-बराकर बेसिन की भी है. उन्होंने कहा की दामोदर वैली रिजरवायर रेगुलेटरी कमेटी के प्रावधानों को देखते हुए जल के असमानुपातिक बंटवारों के बिंदुओं पर फिर से समीक्षा करनी जरूरी हो गयी है. मंत्री ने राज्य में बढ़ती अाबादी की चर्चा करते हुए कहा कि जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है. इसके मद्देनजर अभी से ही आवश्यक कदम उठाना होगा और यह काम बगैर केंद्र सरकार के सहयोग से नहीं हो सकेगा. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को इस बात से अवगत कराया कि राज्य में करीब एक सौ से अधिक मध्यम सिंचाई योजनाएं 30 से 50 वर्ष पहले की बनी हुई है और इसकी सिंचाई क्षमता में भारी कमी आ गयी है. इन योजनाओं का जीर्णोद्धार करना भी जरूरी हो गया है. इससे सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो सकेगी. इस काम के लिए केंद्र सरकार को 90 प्रतिशत अनुदान देने पर विचार करना चाहिए. मंत्री ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग एवं देवघर की चर्चा करते हुए कहा कि इन शहरों में बढ़ती अबादी की वजह से पेयजल के साथ-साथ औद्योगिक जल की भी कमी होती जा रही है. इसके लिए इन शहरों में बड़ी परियोजनाओं के निर्माण की आवश्यकता है और इस मामले में केंद्र सरकार को सहायता प्रदान करनी चाहिए. समारोह में केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बिरेंद्र सिंह चौधरी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ-साथ देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे.