नवीनतम तकनीक समय की मांग : डॉ बिमल झा

नवीनतम तकनीक समय की मांग : डाॅ बिमल झा- सेल में दो दिवसीय सेमिनार संपन्न – फोटो : राज वर्मा संवाददाता, रांची आरडीसीआइएस के कार्यपालक निदेशक डाॅ विमल कुमार झा ने कहा कि उद्योगों के लिए नवीनतम तकनीक समय की मांग है. अगर कोई कंपनी तकनीक में पीछे रह जाती है, तो वह बाजार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

नवीनतम तकनीक समय की मांग : डाॅ बिमल झा- सेल में दो दिवसीय सेमिनार संपन्न – फोटो : राज वर्मा संवाददाता, रांची आरडीसीआइएस के कार्यपालक निदेशक डाॅ विमल कुमार झा ने कहा कि उद्योगों के लिए नवीनतम तकनीक समय की मांग है. अगर कोई कंपनी तकनीक में पीछे रह जाती है, तो वह बाजार में अधिक दिनों तक टिकी नहीं रह सकती. नवीनतम तकनीक से उत्पादन में कम लागत आती है और पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है. उक्त बातें उन्होंने सेल में उद्योगों में वर्तमान एवं उभरती हुई तकनीक (क्रेस्ट 2016) विषय पर आयोजित सेमिनार में कही. श्री झा ने कहा कि आनेवाले समय में इस्पात उद्योग में नयी पीढ़ी की प्रचालन प्रणालियों से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी. इससे कम लागत में बेहतर उत्पाद उपलब्ध होगा. नीरज माथुर (कार्यपालक निदेशक, सेट) ने कहा कि उचित प्रबंधन से लागत में कमी लायी जा सकती है. इससे परियोजनाओं का सही क्रियान्वयन संभव है. प्रो पीपी चट्टोपाध्याय (निदेशक निफ्ट) ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों, प्रौद्योगिकी प्रदाता कंपनियों तथा इस्पात उद्योग को मिल कर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कच्चे माल के लाभकारी उपयोग पर बल देते हुए कहा कि देश में उपलब्ध कच्चे माल को उपयोग में लाने से देश की विदेशी मुद्रा पर निर्भरता कम होगी तथा लागत में भी कमी आयेगी. आयोजन समिति के अध्यक्ष डाॅ रमन दत्ता ने सेल द्वारा 70,000 करोड़ रुपये से कंपनी के हो रहे विस्तार एवं आधुनिकरण कार्यक्रम की जानकारी दी. कार्यशाला के अंत में इस्पात एवं रिफ्रैक्टरी क्षेत्र में उपलब्ध प्रौद्योगिकी के दोहन का रोडमैप तैयार करने का निर्णय लिया गया. कार्यशाला में सेल, टाटा स्टील, राष्ट्रीय इस्पात निगम, जिंदल स्टील, मेकन के विशेषज्ञों ने भाग लिया.

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