सब्जी मंडी व दुकानों में धड़ल्ले से प्रयोग
रांची: राज्य में पॉलिथीन पर प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से इसका प्रयोग किया जा रहा है. गली-मुहल्ले की छोटी राशन दुकानों से लेकर सब्जी मंडियों तक बेधड़क इस्तेमाल हो रहा है. मंदिरों में भी पॉलिथीन में प्रसाद दिये-लिये जा रहे हैं. पिछले वर्ष भी लगा था प्रतिबंधसरकार द्वारा पिछले वर्ष पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया […]
रांची: राज्य में पॉलिथीन पर प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से इसका प्रयोग किया जा रहा है. गली-मुहल्ले की छोटी राशन दुकानों से लेकर सब्जी मंडियों तक बेधड़क इस्तेमाल हो रहा है. मंदिरों में भी पॉलिथीन में प्रसाद दिये-लिये जा रहे हैं.
पिछले वर्ष भी लगा था प्रतिबंध
सरकार द्वारा पिछले वर्ष पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया था. जिला प्रशासन द्वारा कुछ दुकानों व स्टॉकिस्टों के यहां छापामारी भी की गयी थी. इसका असर शहर के सब्जी मार्केट व दुकानों में दिखने लगा था. लोग थैले लेकर बाजार जाने लगे थे. दुकानों में भी काजग के बैग (ठोंगा) में सामान दिये जाने लगे थे. तीन माह बाद फिर से स्थिति पहले जैसी हो गयी. प्रशासनिक लापरवाही के कारण पॉलिथीन का प्रयोग फिर से शुरू हो गया.
हर दिन 30 टन पॉलिथीन की खपत
वर्तमान में शहर की आठ हजार से अधिक छोटी-बड़ी राशन दुकानों में प्रतिदिन 30 टन पॉलिथीन की खपत होती है. पॉलिथीन का प्रयोग दुकानदार, सब्जीवाले, फलवाले अपने ग्राहकों को देने में करते हैं. बाद में लोग पॉलिथीन को खुले में या फिर नालियों में फेंक देते हैं. शहर की नालियां जाम होने में पॉलिथीन मुख्य कारण है.