ईसवी वर्ष से दासता और गुलामी की बू आती है : राज्यपाल

ईसवी वर्ष से दासता और गुलामी की बू आती है : राज्यपाल ज्यादा से ज्यादा विक्रम संवत मनाने का आह्वान हिंदुस्थान समाचार का नव वर्ष समारोह वरीय संवाददाता, रांची राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि हम लोगों को समझना होगा कि एक जनवरी के नव वर्ष से हमारे देश का कोई संबंध नहीं है. क्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2016 12:00 AM

ईसवी वर्ष से दासता और गुलामी की बू आती है : राज्यपाल ज्यादा से ज्यादा विक्रम संवत मनाने का आह्वान हिंदुस्थान समाचार का नव वर्ष समारोह वरीय संवाददाता, रांची राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि हम लोगों को समझना होगा कि एक जनवरी के नव वर्ष से हमारे देश का कोई संबंध नहीं है. क्या एक जनवरी के साथ कोई भी ऐसा प्रसंग जुड़ा है, जिससे हममें राष्ट्र प्रेम या स्वाभिमान जागे. यह हमें समझना होगा. हमें भारतीय नव वर्ष यानी विक्रम संवत मनाना होगा. इसके लिए अधिक से अधिक प्रचार करना होगा. राज्यपाल शुक्रवार को डोरंडा स्थित चिड़ियाघर प्राधिकरण के सभागार में हिंदुस्थान समाचार द्वारा आयोजित नव वर्ष समारोह में बोल रही थीं. राज्यपाल ने कहा कि विक्रमी संवत के स्मरण मात्र से ही विक्रमादित्य और उनके विजयी अभियान की याद ताजा हो जाती है. भारतीयों का मस्तक गर्व से ऊंचा हो जाता है. जबकि इसवी वर्ष के साथ ही दासता और गुलामी की बू आती है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है, जो फिर विश्व का मार्गदर्शन कर सके. इस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं. एक जनवरी को पूरा राष्ट्र नववर्ष के उत्साह में डूब जाता है. क्या यही हमारा नववर्ष है? जब तक हम इसे नहीं समझेंगे, विक्रम संवत के महत्व को नहीं समझ पायेंगे. ऋषि-मुनियों के शोध से हमारे सभी आयोजन होते हैं. इसको बदलने की कोशिश की गयी है. ऋषि-मुनियों के शोध को वैज्ञानिक तथ्य से जोड़कर गलत ढंग से पेश किया गया है. खेलकूद एवं पर्टयन मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि देश के पुराने वैभव को लौटाने की जिम्मेदारी हमारी है. इसके लिए मिल-जुल कर प्रयास करने की जरूरत है. इस मौके पर प्रांत संघ चालक देवव्रत पाहन ने भी विचार रखे.

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