तामिलनाडु और दिल्ली की तर्ज पर बने कानून

रांची: हाइकोर्ट में सोमवार को छेड़खानी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया. कहा कि छेड़खानी या दुष्कर्म जैसी घटनाओं को पूरी सक्रियता के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2014 7:46 AM

रांची: हाइकोर्ट में सोमवार को छेड़खानी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया. कहा कि छेड़खानी या दुष्कर्म जैसी घटनाओं को पूरी सक्रियता के साथ रोकी जाये.

लगातार गश्त कर अंकुश लगायी जाये. खंडपीठ ने पूर्व के आदेशों के आलोक में सरकार को कदम उठाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि तमिलनाडु व दिल्ली में छेड़खानी को रोकने के लिए कानून बने हुए हैं. उन कानूनों की तर्ज पर झारखंड में भी राज्य सरकार को छेड़खानी रोकने के लिए कानून बनाने पर विचार करना चाहिए.

खंडपीठ ने सुनवाई के बाद जनहित याचिका निष्पादित कर दिया. उल्लेखनीय है कि छेड़खानी की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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