स्थानीय नीति के नाम पर आइवाश : बाबूलाल

रांची/गोड्डा : राज्य सरकार द्वारा स्थानीय नीति लागू किये जाने के निर्णय के विरोध में शुक्रवार को किसान भवन परिसदन में झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व विधायक प्रदीप यादव ने प्रेस वार्ता की. श्री मरांडी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि स्थानीय नीति को लागू कर सरकार ने राज्य की जनता का आइवाश किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2016 6:57 AM
रांची/गोड्डा : राज्य सरकार द्वारा स्थानीय नीति लागू किये जाने के निर्णय के विरोध में शुक्रवार को किसान भवन परिसदन में झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व विधायक प्रदीप यादव ने प्रेस वार्ता की. श्री मरांडी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि स्थानीय नीति को लागू कर सरकार ने राज्य की जनता का आइवाश किया है. एक तरह से राज्य के लोगों के लिए नीति बनाकर झुनझुना थमाने का काम किया गया.
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद उनकी सरकार ने बिहार सरकार द्वारा स्वीकारित परिभाषा 1982 को आधार बनाकर झारखंड में भी लागू किया था. सर्वे में ऐसे लोग जिनके पूर्वज का नाम था, उसे थर्ड तथा फोर्थ ग्रेड में नौकरी दी जा रही थी.
मुख्यमंत्री के पद से हट जाने के बाद भाजपा की सरकार ने मामले को टालने का काम किया. पिछले कुछ माह से राज्य में नियोजन की शुरुआत के साथ स्थानीयता का मामला तूल पकड़ा. जम कर आंदोलन व विरोध हुआ. सरकार ने अपने बचाव में आंदोलन को भटकाने के लिये आइवाश के तहत कैबिनेट ने निर्णय लिया है. आनेवाले समय में निर्णय कितना स्वीकार्य होगा, यह बात भविष्य के गर्भ में है. सरकार को केंद्र के पास स्वीकृति के लिये रिपोर्ट भेजनी चाहिए.
भारत के संविधान की धारा 16 (खंड तीन) में जिक्र है कि नवगठित राज्य के लोगों के लिए सभी पदों को 20 साल के लिए आरक्षित किया जाये. राज्य का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्र के लिए थर्ड व फोर्थ ग्रेड में स्थानीय लोगों को लेना है. सच है कि चपरासी की नौकरी की नियुक्ति रद्द कर आउटसोर्सिंग से काम लिया जा रहा है. श्री मरांडी ने कहा कि राज्य में स्थानीयता एवं नियोजन नीति के मुद्दे पर 22 व 23 अप्रैल को आर्थिक नाकेबंदी की जायेगी. राज्य भर में जोरदार आंदोलन चलाया जायेगा.

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