सरना और सनातन एक
कांके में हुआ सरहुल पूर्व संध्या समारोह, मुख्यमंत्री ने कहा रांची : सरना अौर सनातन एक हैं. जनजातीय समाज प्रकृति पूजक है. सनातन धर्म में भी वटवृक्ष की पूजा होती है. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वे शुक्रवार को कांके सरना समिति द्वारा आयोजित सरहुल पूर्व संध्या समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री […]
कांके में हुआ सरहुल पूर्व संध्या समारोह, मुख्यमंत्री ने कहा
रांची : सरना अौर सनातन एक हैं. जनजातीय समाज प्रकृति पूजक है. सनातन धर्म में भी वटवृक्ष की पूजा होती है. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वे शुक्रवार को कांके सरना समिति द्वारा आयोजित सरहुल पूर्व संध्या समारोह में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज शिक्षित समाज बने. हर हाल में अपने बच्चों को शिक्षा दें. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि सरहुल महापर्व पूर्वजों की देन है. आज वैज्ञानिक मौसम की भविष्यवाणी करते हैं, पर पाहन वर्षों से घड़े का पानी देख कर बारिश की भविष्यवाणी करते आ रहे हैं.
समारोह में विधायक जीतू चरण राम ने भी विचार रखे. कांके सरना समिति के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो ने अतिथियों का स्वागत किया. इस दौरान आधुनिक नागपुरी संगीत का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मनोज शहरी ने सरना मां तू ही सहारा..गीत से की. इसके बाद उन्होंने चल तो गुइया रे अंबा बगइचा.. गीत प्रस्तुत किया.
वहीं आजाद अंसारी ने चला आयो बाबा चला भइया बहिन.. गीत पेश किया. देर रात तक लेागों ने गीत-संगीत कार्यक्रम का आनंद लिया. कार्यक्रम में उपायुक्त मनोज कुमार, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा सहित अन्य लोग उपस्थित थे. इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कांके सरना मैदान की चहारदीवारी का शिलान्यास किया.