विटामिन-ए की 1.6 लाख बोतल मिसब्रांडेड

संजय रांची : राज्य को आपूर्ति की गयी विटामिन-ए (100 एमएल) की 1.6 लाख बोतलों को मिसब्रांडेड घोषित कर दिया गया है. पैकेजिंग, लेबलिंग तथा उसके कंटेंट में स्पष्टता या इसके मानक के अनुरूप न रहने पर किसी दवा को मिसब्रांडेड घोषित किया जाता है. इधर, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) को आपूर्ति किये गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2016 8:18 AM
संजय
रांची : राज्य को आपूर्ति की गयी विटामिन-ए (100 एमएल) की 1.6 लाख बोतलों को मिसब्रांडेड घोषित कर दिया गया है. पैकेजिंग, लेबलिंग तथा उसके कंटेंट में स्पष्टता या इसके मानक के अनुरूप न रहने पर किसी दवा को मिसब्रांडेड घोषित किया जाता है. इधर, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) को आपूर्ति किये गये विटामिन-ए की सीसी का प्रिंट इंडियन फार्माकोपिया के प्रावधानों के तहत नहीं है. इसलिए इसे मिसब्रांडेड बताया गया है.
अब राज्य भर के नौ माह से पांच वर्ष तक के करीब 38 लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक समय पर नहीं मिल पायेगी. जयपुर की कंपनी विवेक फार्मा ने विटामिन की अापूर्ति की है, जिसकी लागत करीब 86 लाख है. अभी इसका भुगतान नहीं हुआ है. कंपनी को अब विटामिन की बोतलें बदल कर देने को कहा जा रहा है. करीब तीन वर्षों के बाद जून-जुलाई-2015 में इन बच्चों को विटामिन की एक खुराक मिली थी. दूसरा डोज इसके छह माह बाद मिलना चाहिए था, पर अब इसमें विलंब होगा, जिसका असर बच्चों पर पड़ सकता है.
इससे पहले विटामिन-ए की खुराक का डोज फरवरी-12 में अंतिम बार दिया गया था. यूनिसेफ के अनुसार इस विलंब (फरवरी-12 से जून-15) के कारण राज्य भर के 24 हजार (प्रति वर्ष अाठ हजार) बच्चों की मौत हुई है. ये बच्चे नौ माह से लेकर पांच वर्ष तक की उम्र के थे.

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