सही ऑपरेशन नहीं करने पर फिर हो जाता है हर्निया

हर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया के सेमिनार में बोले डॉ खुल्लर रांची : इंडोस्कोपिक सर्जन डॉ राजेश खुल्लर ने कहा कि हर्निया का ऑपरेशन करते समय चिकित्सक को हल्के में नहीं लेना चाहिए़ हर्निया के ऑपरेशन काे सामान्य मान कर कई बार चिकित्सक भूल कर जाते है़ हल्की गलती के कारण कई बार मरीज को इसका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2016 8:30 AM
हर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया के सेमिनार में बोले डॉ खुल्लर
रांची : इंडोस्कोपिक सर्जन डॉ राजेश खुल्लर ने कहा कि हर्निया का ऑपरेशन करते समय चिकित्सक को हल्के में नहीं लेना चाहिए़ हर्निया के ऑपरेशन काे सामान्य मान कर कई बार चिकित्सक भूल कर जाते है़
हल्की गलती के कारण कई बार मरीज को इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है़ मरीज को ऑपरेशन के बाद फिर से हर्निया हो जाता है़ वह हर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया एंड एसोसिएशन आॅफ सर्जंस ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में बोल रहे थे़
उन्होंने कहा कि चिकित्सकाें को अपडेट होने की जरूरत है़ उन्हें अपडेट करने के लिए ही सेमिनार का आयोजन किया गया है़ उन्होंने ऑपरेशन में क्या सही तकनीक है़, इसकी जानकारी दी. कहा कि सही ढंग से ऑपरेशन होने पर मरीजों को इसका लाभ मिलेगा़ मांसपेशियों में कमजोरी की वजह से हर्निया हो जाता है़ मेस (जाली) ठीक से नहीं लगाने से भी दुबारा हर्निया हो जाता है़
अंतड़ी सड़ने से जा सकती है जान : डॉ संदीप
रायपुर से आये लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ संदीप ने कहा कि हर्निया मुख्यत: अंडकोष, नाभी या पूर्व में किये गये ऑपरेशन के स्थान पर होता है़
जब अंतड़ियां हर्निया में फंस जाती है, तो रक्त का प्रवाह बंद होने लगता है़ अगर आठ से नौ घंटे तक अंतड़ी का रक्त प्रवाह बंद हो जाये, तो अंतड़ी सड़ने लगती है़ इससे मरीज की मौत तक हो सकती है़
बच्चों में हर्निया जन्मजात होता है़ अगर इसका पता चिकित्सक को चल जाये, तो ऑपरेशन यथाशीघ्र कर देना चाहिए़ हल्के में लेकर लोग ऑपरेशन को टालते है़ं यह गलत है़ रिम्स के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एनके झा ने बताया कि मरीज में पेट के निचले भाग में गांठ या सूजन हो, खांसने पर गांठ उभर आता हो व लेटने पर गायब हो जाता है, तो यह हर्निया हो सकता है़ 10 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में एक बार हर्निया अवश्य होता है़
लाइव कार्यशाला में सात का हुआ ऑपरेशन
दो दिवसीय कार्यक्रम में शनिवार को लाइव कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पांच मरीजों का ऑपरेशन किया गया़ दो मरीजों का इंडोस्कोपी, दो का सामान्य ऑपरेशन व एक का अॉपरेशन के बाद दुबारा हर्निया होने पर ऑपरेशन किया गया़ ऑपरेशन डॉ राजेश खुल्लर, डॉ सेनदेव दास गुप्ता, डॉ एनके झा द्वारा किया गया़ ऑपरेशन रिम्स के सीओटी में किया गया, जिसे रिम्स ऑडिटोरियम में लाइव दिखाया गया़
लाइव ऑपरेशन में चिकित्सक अपनी उलझनों काे सवाल पूछ कर दूर कर रहे थे़ ऑपरेशन में रिम्स के एनेस्थिसिया विभाग का सहयोग रहा़ मौके पर आयोजन समिति के सचिव डॉ सतीश मिढा, डॉ वीके जैन, डॉ एपी सिंह, डॉ करुणा झा, डॉ निशित एक्का सहित कई चिकित्सक मौजूद थे़
शाम में हुआ सेमिनार का उदघाटन
हर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया एंड एसोसिएशन आॅफ सर्जंस ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ शनिवार की रात आठ बजे किया गया़ कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजेश खुल्लर, सचिव डॉ रमेश अग्रवाल, रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल, डॉ सौरभ मिश्रा, डॉ संदीप दवे, डॉ वीके जैन, डाॅ सतीश मिढा, डॉ मजीद आलम, डॉ तुलसी महतो सहित कई चिकित्सक मौजूद थे़

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