आठ अगस्त 1953 को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में नेतरहाट के पठार पर स्थित शैले भवन, निरीक्षण बंगला संख्या-एक, दो, तीन, पांच तथा आसपास की भूमि को चिह्नित कर उसमें आवासीय विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया था.
प्रारंभ में विद्यालय का केंद्रीय भवन शैले भवन को बनाया गया. राज्य गठन के बाद शैले भवन का मरम्मत लातेहार जिला प्रशासन ने कराया तथा उक्त भवन को उपायुक्त लातेहार का शिविर कार्यालय घोषित कर दिया गया. नेतरहाट पठार पर नेतरहाट विद्यालय ही मुख्य संस्था है. यहां पर प्रखंड कार्यालय तक नहीं है. वैसी परिस्थिति में विद्यालय परिसर में उपायुक्त का शिविर कार्यालय का रहना उचित प्रतीत नहीं होता है.
21 अक्तूबर 2014 को राजस्व सचिव ने उपायुक्त लातेहार को पत्र लिख कर शैले भवन विद्यालय प्रशासन को हस्तगत कराने का निर्देश दिया था. पलामू के कमिश्नर ने भी 31 अक्तूबर 2014 को निर्देश दिया था कि शैले भवन की दखल दिहानी विद्यालय को करायी जाये. नेतरहाट विद्यालय समिति ने भी उपायुक्त से शैले भवन व उसके एनेक्सी भवन को विद्यालय प्रशासन को साैंप देने का आग्रह किया था, लेकिन अब तक स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है.