भवन निर्माण में हाइकोर्ट की फटकार, कहा सरकार अपने ही बालू उपलब्ध नहीं करा सकती

रांची: हाइकोर्ट में मंगलवार को गुमला बार भवन निर्माण को लेकर दायर अवमानना मामले की सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान भवन निर्माण प्रमंडल गुमला के कार्यपालक अभियंता के उपस्थित नहीं रहने पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने संबंधित कार्यपालक अभियंता (इइ) के एक दिन का वेतन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2014 7:45 AM

रांची: हाइकोर्ट में मंगलवार को गुमला बार भवन निर्माण को लेकर दायर अवमानना मामले की सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान भवन निर्माण प्रमंडल गुमला के कार्यपालक अभियंता के उपस्थित नहीं रहने पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने संबंधित कार्यपालक अभियंता (इइ) के एक दिन का वेतन, यात्र व दैनिक भत्ता के भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया.

आदेश की प्रति मुख्य सचिव को भेजने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि बालू सरकार की है. क्या सरकार अपने निर्माण कार्य के लिए बालू उपलब्ध नहीं करा सकती है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बार भवन निर्माण मामले में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया.

फोटोग्राफ दिखाये गये. बताया गया कि भवन के दूसरे तल्ले का भी निर्माण हो गया है. प्लास्टर का कार्य शेष है. बालू की समस्या के कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहा है. जुलाई माह तक कार्य पूरा हो जायेगा.

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