कोर्ट ने राज्य सरकार को पांच हजार का जुर्माना लगाया
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में मंगलवार को बिना जेपीएससी की अनुशंसा के राजपत्रित कैडर के वन क्षेत्र पदाधिकारी पद पर वनपालों को प्रोन्नति देने काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत के पूर्व के निर्देश के आलोक में राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी नाराजगी […]
जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को अंतिम माैका दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच मई की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व एमीकस क्यूरी अधिवक्ता वैभव कुमार ने अदालत को बताया कि वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) का पद राजपत्रित कैडर का है आैर जेपीएससी द्वारा नियुक्ति की जाती है. वहीं वनपाल का पद अराजपत्रित कैडर का है.
रेंजर पद पर प्रोन्नति जेपीएससी की अनुशंसा पर ही की जा सकती है. राज्य सरकार ने बिना आयोग की अनुशंसा प्राप्त किये वनपालों को सीधे रेंजर के पद पर प्रोन्नति दे दी है. उनका पदस्थापन भी किया गया है. यह स्थापित नियमों का सीधा उल्लंघन है. मालूम हो कि प्रार्थी वन क्षेत्र पदाधिकारी संघ, झारखंड के महासचिव अनिल कुमार सिंह की अोर से याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा अराजपत्रित कैडर के वनपालों को राजपत्रित कैडर के रेंजर पद पर दी जा रही प्रोन्नति को चुनाैती दी गयी है.